उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज की तरह सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि आरटीओ कार्यालयों में जनोपयोगी सुविधाएं बढ़ाएं। लोगों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े। तकनीक का सहारा लें और प्रक्रियाओं का सरलीकरण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा, “फर्जी लाइसेंस कतई न बनने पाएं। आरटीओ ऑफिस में बाहरी व्यक्तियों की अनावश्यक उपस्थिति न हो। साथ ही पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर आरटीओ ऑफिस में भी सुविधाएं प्रदान करें। टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को हाईटेक बनाएं, जिससे उत्तर प्रदेश के आरटीओ कार्यालय देश में मॉडल बनें। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ई चालान व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।”
उन्होंने कहा, “सीधे जनता से जुड़ा होने के कारण परिवहन विभाग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उपलब्ध सारथी ऐप एवं पोर्टल की तरह प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा फेसलेस सर्विस को शुरू करें। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चे प्रदेश ही नहीं देश का भविष्य हैं। उनके जीवन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाकर स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराएं। सिर्फ ट्रेंड चालक ही वाहनों को चलाएं, इसका विशेष ध्यान रखें।”
उन्होंने कहा, “डग्गामार वाहन सड़कों पर न चलने पाएं, उन्हें जीरो प्वाइंट पर ही रोकें। साथ ही गृह, खनन और परिवहन विभाग टास्क फोर्स बनाकर ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर कार्रवाई करें। दूसरे राज्यों से आने वाले ओवरलोडेड वाहनों को बॉर्डर पर ही रोकें। उन्होंने कहा कि नई स्क्रैप पॉलिसी प्रदेश में ठीक ढंग से लागू है। इसको और बेहतर और प्रभावी तरीके से लागू करने आवश्यकता है। कंडम वाहनों को जल्द से जल्द स्क्रैप कर दें, ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो सके।”
सीएम ने कहा, “2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2019 के सापेक्ष और दिव्य और भव्य होगा। महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को यात्रा में कोई असुविधा न हो, इसके लिए सात हजार डेडीकेटेड बसों का संचालन करें। साथ ही इन बसों को चलाने वाले चालकों एवं परिचालकों की ठीक ढंग से ट्रेनिंग कराई जाए। उनके पास आई कार्ड एवं यूनिफॉर्म हो, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से नए बस स्टेशनों का निर्माण कराएं। उनकी डिजाइन ऐसी तैयार करें, जिसमें उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति की झलक दिखे।”

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