उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों की बात करें तो कानून व्यवस्था हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रही है। लेकिन पिछले 6 वर्षों में प्रदेश की कानून व्यवस्था की तस्वीर बदल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में पहला स्थान हासिल कर लिया है।
एनसीआरबी की ओर से जो आंकड़ें जारी किए गए हैं उसमे इस बात पर मुहर लगती है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ना सिर्फ बेहतर हुई है बल्कि महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पहले पायदान पर पहुंच चुका है। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सजा की दर 180 फीसदी तक पहुंच गई है।
देश में वर्ष 2022 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दर की बात करें तो यह 25.3 फीसदी है, जबकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में सजा की दर 70.8 फीसदी है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इन आंकड़ों को सोशल मीडिया पर साझा करके जानकारी दी गई है।
प्रदेश सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर इस जानकारी को साझा करते हुए लिखा गया, उत्तर प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में विगत साढ़े 06 वर्षों में कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। प्रदेश में महिला अपराधों में संलिप्त अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई कर सजा दिलाई जा रही है।
NCRB द्वारा प्रकाशित ‘क्राइम इन इंडिया-2022’ के अनुसार, महिलाओं को न्याय दिलाने में उत्तर प्रदेश लगातार 04 वर्षों से देश में नंबर 1 है। उत्तर प्रदेश में सजा का दर राष्ट्रीय औसत से 180% से अधिक है। प्रदेश सरकार ने पिछले चार वर्षों से लगातार महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में पहला स्थान प्राप्त किया है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 की बात करें तो महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में राष्ट्रीय दर 23.7 फीसदी थी जबकि उत्तर प्रदेश में यह 55.2 फीसदी थी।
वहीं 2020 में राष्ट्रीय दर 29.8 फीसदी थी जबकि उत्तर प्रदेश में 61 फीसदी, 2021 में राष्ट्रीय दर 26.5 फीसदी थी तो उत्तर प्रदेश में यह दर 59.1 फीसदी था। 2022 की बात करें तो राष्ट्रीय दर 25.3 फीसदी तो उत्तर प्रदेश में 70.8 फीसदी थी।
उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का इससे बेहतर प्रमाण क्या हो सकता है कि पिछले चार सालों में उत्तर प्रदेश महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में ना सिर्फ पहले पायदान पर रहा है बल्कि राष्ट्रीय दर से उत्तर प्रदेश की दर लगभग दोगुनी है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था के बेहतर होने की एक बड़ी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसमे विशेष रुचि है। वह खुद कानून व्यवस्था को काफी गंभीरता से लेते हैं और समय-समय पर प्रदेश की पुलिस को बिना किसी भेदभाव के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देते हैं।
यूपी पुलिस का कहना है कि 2022 में यूपी में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है, प्रदेश में सामुदायिक रंजिश के 217 केस दर्ज हुए हैं। 2022 में देश में डकैती के कुल 2666 केस दर्ज हुए जिसमे से यूपी में सिर्फ 80 मामले दर्ज हुए हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार ने अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को अपना रखा है और हर तरफ से अपराध पर शिकंजा कसने के लिए कदम उठाया है।