परियोजना के पहले चरण में राज्य के नौ शहरों में 20 धार्मिक स्थलों पर पिंक बूथ बनाने का निर्णय लिया गया है, जबकि 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर में 1,100 महिला बीट कांस्टेबलों को इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस चरण के लिए पिंक बूथों के निर्माण और स्कूटरों के प्रावधान के लिए तीन महीने की समयसीमा दी गई है।
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश में सेफ सिटी प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में गौतमबुद्धनगर समेत 17 नगर निगम शामिल हैं। दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालयों के नगर निगम और तीसरे चरण में 143 नगर निगमों को सेफ सिटी प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।
एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा प्रोटेक्शन बीपी जोगदंड ने बताया कि सेफ सिटी प्रोजेक्ट के पहले चरण में वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, मीरजापुर, मथुरा, गोरखपुर, आगरा समेत प्रदेश के नौ शहरों में 20 धार्मिक स्थलों पर पिंक बूथ बनाए जाएंगे।
जोगदंड ने कहा कि इन सभी स्थानों पर एक मंजिला पिंक बूथ बनाए जाएंगे और गृह विभाग ने इस उद्देश्य के लिए 1.66 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। साथ ही पिंक बूथ के लिए जमीन चिन्हित करने और जानकारी साझा करने के लिए सभी नौ जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा गया था, जिसमें से कई जिलों से रिपोर्ट आ गई थी.
एडीजी ने आगे कहा कि परियोजना के पहले चरण में, मंडल मुख्यालय और गौतम बुद्ध नगर के 550 पुलिस स्टेशनों को दो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस गुलाबी स्कूटर सौंपे जाएंगे, जिनका उपयोग 1,100 महिला बीट कांस्टेबल द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 15.60 करोड़ रुपये का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया था।