उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये और याद किया। सीएम योगी राजधानी लखनऊ में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, पार्क रोड, हजरतगंज में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने संबोधित किया और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी है।
सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के अवसर पर प्रदेश शासन और जनता की ओर से डॉक्टर मुखर्जी के बलिदान को नमन करते हैं। डॉक्टर मुखर्जी 35 साल की उम्र में वो कुलपति बने थे। देश के विभाजन की त्रासदी को रोकने के लिए और पूरे बंगाल को अंग्रेजों से बचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। उद्योग और खाद मंत्री बनते और देश के आजाद होते ही देश के अंदर आज़ादी का आंदोलन उनकी पहचान बन गई थी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब उन्होंने देखा की आज़ादी जिन आदर्शों के लिए मिली थी लेकिन तत्कालीन सरकार तुष्टिकरण कर रही है। इसलिए उन्होंने भारतीय जनसंघ का निर्माण किया और जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों का विरोध किया। कश्मीर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी और उसके लिए अलग से विधान बनाने का विरोध किया था मुखर्जी ने और उन्होंने कहा था कि एक देश में दो प्रधान दो विधान नही चलेंगे। जिसके लिए उन्हें कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया जाता है और 23 जून को उनका बलिदान देश की अखंडता को बचाने के लिए हुआ। लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 में किया और कश्मीर से धारा 370 हटाई।