उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सम्मान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और अप्रैल माह से सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की धनराशि को प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने बसंत पंचमी के पावन पर्व पर गोरखपुर स्थित खाद कारखाना परिसर में एक हजार जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करने के बाद 252 करोड़ रुपए की लागत वाली 91 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया।
मिली जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर 2014 में पीएम मोदी ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया। बेटी बचेगी तभी पढ़कर आगे बढ़ेगी और योगदान देश व समाज के लिए दे पाएगी। एक बेटी कुल खानदान को आगे बढ़ाने का काम करती है। बेटियों को बचाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आज केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब वह मुख्यमंत्री बने तो प्रदेश में यह समस्या आई कि बेटी को बचाने के लिए क्या और प्रयास करने चाहिए, इसके लिए पहला कार्यक्रम सुमंगला योजना का बनाया गया। इसमें बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक पढ़ाई की व्यवस्था की गई। इस योजना में सरकार अब तक 17 लाख से अधिक बेटियों को 15 हजार उपलब्ध करा चुकी है। अप्रैल से यह धनराशि बढ़कर 25 हजार हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक 3 लाख से शादियां करा चुकी है। प्रति जोड़े विवाह पर 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। इसमें 35 हजार रुपए कन्या के खाते में भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि गरीब के साथ संपन्न परिवारों के बच्चे सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।  योगी ने कहा कि एक सदगृहस्थ के लिए विवाह भी एक संस्कार है और उस संस्कार से वह पैतृक परंपरा को आगे बढाने का कार्य करता है। सृष्टि की रचना, जीवन चक्र इसी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप विकृतियां भी आईं। कहीं बाल विवाह, दहेज तो कहीं तलाक जैसी कुप्रथाएं हैं। ये कुप्रथाएं आधी आबादी की विरोधी थीं। इनसे बचने के लिए बेटी हो ही न हों इसके लिए तमाम कुत्सित प्रयास होने लगे।

 

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