मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में अपने और पिता के बीच हुई अंतिम मुलाकात का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिता से आखिरी मुलाकात नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घघाटन समारोह में हुई थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके परिवार का कोई भी सदस्य मिलने कभी नहीं आया। यह खुलासा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज एजेंसी के दिए इंटरव्यू में किया।
पिता से आखिरी मुलाकात के सवाल पर योगी ने कहा कि पिता से कई सालों से मुलाकात नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद नजीमाबाद में एक चीनी मिल के उद्घाटन समारोह में गए थे। भाषण देने के दौरान भीड़ में मेरी नजर पिता पर गई। सभा समाप्त होने के बाद मैंने सहयोगियों से पिता को बुलाने के लिए कहा। वहीं, पिता से आखिरी मुलाकात थी।
योगी ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान उनके पिता का निधन हुआ था, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वह पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे। परिवार के बंधन पर योगी ने कहा कि कोई बंधन नहीं हैं। वह मनुष्य पहले हैं उसके बाद योगी है। एक योगी के रूप समाज के प्रति जो मेरे कर्तव्य है उनका निर्वहन करूं, धर्म को सेवा का माध्यम बनाऊं इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कोई ड्रेस कोड नहीं हैं। भगवा वस्त्र पर योगी ने कहा कि वेषभूषा इसलिए है कि लोगों की दृष्टि में हमेशा बने रहें। हमारे विचलन में लोग उंगली भी उठा सकें और विपरीत परिस्थिति में साथ भी खड़े हो सकें। इसलिए इस प्रकार की वेषभूषा को चुनौती के रूप लिया जाता है। यह एक दृष्टि भी देती है साथ ही व्यक्ति को पतन के गर्त से बचाने के लिए सचेत करती है।
महाराष्ट्र विधानसभा में एक मुस्लिम विधायक की ओर से वंदे मातरम के विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से चलेगा मत मजहब से नहीं। उन्होंने कहा कि आपका मत आपके घर, आपकी मस्जिद तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नेशन फर्स्ट है, यदि देश में रहना है तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा, मतबज द्वितीय है।

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