दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया और दावा किया कि विपक्षी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते थे लेकिन पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर सके। वहीं केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी की छापेमारी की धमकी या 25 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश AAP विधायकों को नहीं तोड़ सकती।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के अंदर की घटनाओं से लोकतंत्र के बारे में सकारात्मक संदेश जाता है, भाजपा लोकतंत्र को रौंदने की कोशिश कर रही है। साथ ही केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया के कान पर बंदूक रखकर ED ने पूछा था कि जेल या भाजपा? केजरीवाल ने दावा किया कि विपक्ष के लोग हमारे खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लेकर आना चाहते थे, पता चला कि नो कॉन्फिडेंस मोशन के लिए 14 विधायकों की जरूरत है। बहुत डराया धमकाया लेकिन भाजपा वाले विधायक नहीं जुटा पाए और प्रस्ताव वापस ले लिया।

सदन में विपक्ष की सारी सीटें खाली हैं। सदन में हम विश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं, वह चाहे तो आकर बोल सकते हैं, मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन मंत्री परिषद पर विश्वास व्यक्त करता है। केजरीवाल ने कहा कि हम आलोचना सुनना चाहते हैं, भाजपा वाले आएं और विधानसभा में बोलें। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के 20 प्रतिशत सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है। दिल्ली विधानसभा में 70 सदस्य हैं यानि 14 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत है।” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विपक्षी सदस्य 14 विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर पाए।

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