आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, राजमुंदरी जेल से बाहर आने के 13 घंटे बाद बुधवार सुबह जब अपने आवास पर पहुंचे, तो भावनात्मक दृश्य देखने को मिला।
परिवार के सदस्यों और समर्थकों के गर्मजोशी से स्वागत के लिए पहुंचे नायडू उस समय भावुक हो गए, जब उनके कुछ रिश्तेदार उन्हें गले लगाते समय रोने लगे।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख ने उन्हें सांत्वना दी और साहस रखने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजा में भाग लिया।
नायडू सुबह 5 बजे के बाद उंदावल्ली स्थित अपने आवास पहुंचे। उनकी पत्नी भुवनेश्वरी ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया।
पुजारियों ने विभिन्न अनुष्ठान किए। बड़ी संख्या में टीडीपी की महिला नेता और कार्यकर्ता हाथों में ‘गुम्मदिकाया’ (कद्दू) लेकर कतार में खड़ी थीं।
उन्होंने कद्दू तोड़े, यह कार्य शुभ माना जाता है।
कौशल विकास निगम मामले में 52 दिन न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद, स्वास्थ्य आधार पर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत के बाद नायडू मंगलवार को जेल से बाहर आए थे।
नायडू शाम करीब 4.40 बजे राजमुंदरी सेंट्रल जेल से बाहर निकले थे। उनके परिवार के सदस्यों, टीडीपी नेताओं और समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
लोगों और विभिन्न राजनीतिक दलों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देने के बाद, वह वाहनों के एक विशाल काफिले में अमरावती के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए।
पूरे रास्ते में हजारों समर्थकों ने 73 वर्षीय नायडू का गर्मजोशी से स्वागत किया। जगह-जगह उनके स्वागत के लिए स्त्री-पुरुष कतार में खड़े थे। वे पुष्पवर्षा कर रहे थे और ‘जय बाबू, जय-जय बाबू’ के नारे लगा रहे थे।
आधी रात के बाद भी उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उमड़ पड़े।
भारी भीड़ के कारण मार्ग में कई स्थानों पर यातायात जाम हो गया।
नायडू ने अपनी कार में बैठकर भीड़ की ओर हाथ हिलाया। जनता के जबरदस्त समर्थन से वह प्रभावित हुए। 186 किमी की दूरी तय करने में 13 घंटे लगे, जो सामान्य तौर पर साढ़े तीन घंटे लगते हैं।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर नायडू को चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी।
अदालत ने उनसे 29 नवंबर को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा।