भारत में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि CAA भारत का आंतरिक मामला और इस पर अमेरिका की टिप्पणी अनुचित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है। यह मानवाधिकार के प्रति भारत के प्रतिबद्धता को बताता है। CAA से लोगों को नागरिकता मिलेगी, किसी की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका या दूसरे देशों का इस मामले पर बयान गैर जरूरी और तथ्यों पर आधारित नहीं है। भारत में सभी धर्मों के लोगों के लिए संवैधानिक अधिकार मौजूद हैं। जो लोग भारत की परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास को नहीं जानते उन्हें भाषण नहीं देना चाहिए। भारत के भागीदारों और शुभचिंतकों को हमारे इस इरादे का स्वागत करना चाहिए।
अमेरिका ने गुरुवार को कहा था कि, वह भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित है और इसके कार्यान्वयन पर बारीकी से नजर रख रहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, कि “हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।”
आपको बता दें, कि भारत सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग खुल गया है।
भारत सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है, कि भारतीय मुसलमानों को CAA को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा और मुसलमानों का सीएए से कोई लेना देना नहीं है। भारत सरकार का कहना है, कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है और देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी।