टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के लोग अगर बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो वह उन्हें शरण देंगी। ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने हमला बोला है।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “यह वहीं ममता बनर्जी हैं, जिन्होंने सीएए के तहत हिंदू, सिख और पारसियों को मिलने वाली नागरिकता का विरोध किया था।”
रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ममता बनर्जी ने कहा है कि बांग्लादेश के लोगों को वह बंगाल में शरण देंगी। ममता बनर्जी वही हैं, जिन्होंने सीएए के मुद्दे पर कहा था कि हम किसी भी हिंदू, सिख और पारसी शरणार्थियों को बंगाल में शरण नहीं देंगे। ममता बनर्जी ने हमेशा ही सीएए का विरोध किया। शरणार्थियों को शरण देने का फैसला केंद्र सरकार करती है। कोई भी राज्य ऐसा फैसला नहीं लेता है।”
उन्होंने 1971 युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “उस दौरान भी शरणार्थियों को शरण देने का फैसला केंद्र सरकार ने ही किया था। बांग्लादेश में जो भी चल रहा है, वह उसका आंतरिक मामला है। ममता बनर्जी ने कहा कि हिंदुस्तान के संबंध बंगाल के साथ अच्छे हों, इस बयान का क्या मतलब है।”
रविशंकर प्रसाद ने ने इंडी गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग वोट बैंक के लिए देश की एकता और अखंडता से समझौता करने को तैयार हैं। अगर बंगाल की बात करें तो आजादी के समय 3 जिले मुस्लिम बहुल थे, लेकिन आज यहां 9 जिले मुस्लिम बहुल हैं। बंगाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए भरे पड़े हैं। एनआईए की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि आतंकियों और घुसपैठियों को बंगाल में संरक्षण मिलता है।”
भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान गैर-जिम्मेदाराना है। हम विपक्ष से पूछना चाहते हैं कि क्या वह देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं।