देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि किसी भी कीमत पर CAA को वापस नहीं लिया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा एक संप्रभु अधिकार है। भाजपा सरकार कभी इससे समझौता नहीं करेगी।

विपक्षी इंडिया गुट के बारे में पूछे जाने पर, विशेष रूप से एक कांग्रेस नेता ने कहा कि वे सत्ता में आने पर CAA कानून को रद्द कर देंगे, गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष भी जानता है कि उसके सत्ता में आने की संभावना कम है।

अमित शाह ने कहा, “इंडी गठबंधन भी जानता है कि वे सत्ता में नहीं आएंगे। CAA भाजपा द्वारा लाया गया है, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर आई है। इसे रद्द करना असंभव है। हम पूरे देश में इसके बारे में जागरूकता फैलाएंगे। ताकि जो लोग इसे रद्द करना चाहते हैं उन्हें कहीं, जगह न मिले।”

केंद्रीय मंत्री ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि ‘CAA असंवैधानिक है’। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है। लोकसभा चुनाव से पहले CAA की अधिसूचना लाने के समय के बारे में विपक्ष के दावे का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि हमने 2019 में ही संसद के दोनों सदनों में इसे पारित किया था। कोविड की वजह से इसमें देरी हुई।

विपक्ष के इस आरोप पर कि ‘भाजपा CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है… CAA से राजनीतिक लाभ का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि बीजेपी का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार और न्याय प्रदान करना है।”

अमित शाह ने कहा कि वे बेनकाब हो चुके हैं और देश की जनता जानती है कि CAA इस देश का कानून है। मैं 4 साल में कम से कम मैं 41 बार बोल चुका हूं कि CAA लागू होगा और चुनाव से पहले होगा।

शाह ने कहा कि उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।

 

 

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