उत्तर प्रदेश में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019 के लागू होने के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर है। मुस्लिम मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस फोर्स द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। इसके लिए डीजीपी मुख्यालय ने सभी को निर्देश दिए है। छुट्टी पर चल रहे पुलिसकर्मियों को तत्काल बुलाने का निर्देश दिया गया है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बढ़ाई गई और अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखी जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

यूपी कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के कार्यान्वयन के मद्देनजर राज्य पुलिस ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है और वह पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने बताया कि ‘‘ हम पहले से ही सतर्क हैं। हमारी टीम गश्त कर रही हैं। यह (नागरिकता अधिनियम) अपेक्षित था और उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

डीजीपी ने कहा, राज्य पुलिस ने इसके लिए जमीनी स्तर पर काम पहले ही कर लिया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच में अभी तक उ.प्र. के अलावा पांच राज्यों तक जुड़ रहा कनेक्शन अब पूर्वांचल पर आकर ठहर गया है। एसटीएफ की जांच में सामने आयी नई सूचना में पता चला कि कुछ लोग परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर में आए सवालों की तैयारी करा रहे थे। इससे इस बात की आशंका गहरी हो गई है, पेपर कुछ दिन पहले ही लीक हो गया था। इस दिशा में वाराणसी और जौनपुर पर निगाह टिक गई है।

 

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