मुजफ्फरनगर। खतौली विधानसभा में उप चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनितिक दलों ने आस्तीने चढ़ा ली है। एक और भाजपा के बर्खास्त विधायक विक्रम सिंह सैनी विधायकी को अपने घर में रखने की जुगत में दिखाई दे रहे है। वंही भाजपा के सामने रालोद-सपा गठबन्धन इस बार चूकना नहीं चाहता। सपा के आधिकारिक ट्विटर हेंडल से घोषणा कर दी गई कि खतौली विधानसभा से गठबंधन रालोद के सिम्बल पर ही चुनाव लड़ेगा। ऐसे में जाट मुस्लिम व गुर्जर मतदाताओं पर अपनी नजर गड़ाए रालोद ने अपनी तेयारिया तेज कर दी है। रालोद मुखिया लगातार भाजपा पर हमलावर है। रालोद मुखीया १३ नवंबर को खतौली में रैली करेंगे और शायद इसके तुरंत बाद प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। खतौली उप चुनाव में रालोद का टिकट काफी डिमांडिंग है, भाजपा को चुनौती देती दिख रही रालोद के उमीदवारो में कुछ मूल कार्यकर्ताओ के साथ हाई प्रोफाइल व पैराशूट उमीदवार भी टिकट की लाइन में आ लगे है। सूत्रों की माने तो खतौली से रालोद विधायक रह चुके धनाढ्य करतार सिंह भड़ाना भी रालोद से टिकट की जुगत में है। याद रहे भड़ाना अभी 2022 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार के रूप चुनाव लड़कर हार चुके है। भड़ाना एक बार फिर रालोद के टिकट पर विधायक बनने सपना संजो रहे है। हालाकि रालोद मुखिया जयंत चौधरी कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रहे जयंत फिलहाल आक्रामक दिखाई दे रहे है और समझा जा रहा है कि जयंत इस बार रालोद के ही कार्यकर्त्ता पर दांव खेलने का मन बना चुके है।

समझा जा रहा कि खतौली उप चुनाव में रालोद मुख्यिा अभिषेक चौधरी गुर्जर पर दांव लगा सकते है। अभिषेक गुर्जर जंहा गुर्जर समाज में काफी लोकप्रिय एवं युवा नेता माने जाते है वंही रालोद के पम्परागत वोटरों में भी अभिषेक की पकड़ मजबूत मानी जाती है। 2022 के चुनाव के लिए वर्षो से तैयारी में जुटे अभिषेक चौधरी टिकट पाने में जरूर चूके लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी को कम नहीं किया और लगातार जनता के बीच दिखाई दिए। अभिषेक चौधरी का जनता से लगातार जुड़े रहना उनकी दावेदारी को मजबूत करता दिख रहा है।

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