अंतरिम बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आम लोगों के लिए बैंक के सेविंग अकाउंट (बचत खाते) में जमा पैसे पर मिलने वाले टैक्स फ्री ब्याज की सीमा को बढ़ा सकती हैं। अभी सेविंग अकाउंट में जमा पर सालाना 10,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री है, इस राशि से अधिक ब्याज मिलने पर लोगों को टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना होता है। सूत्रों के मुताबिक, अनुमान है कि सरकार लोगों को राहत देने के उद्देश्य से इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपए कर सकती है। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में भी सरकार ने आम आदमी को टैक्स और मानक कटौती में राहत की सौगात दी थी। माना जा रहा है कि इस बार में भी सरकार इस दिशा में घोषणाएं कर सकती है।

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80टीटीए के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति (60 वर्ष से कम उम्र) या हिंदू अविभाजित परिवार को बैंकों, डाकघर या सहकारी समितियों में रखे गए बचत खाते से ब्याज आय होती है तो कुल आय में 10,000 रुपए तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। हालांकि टैक्सपेयर बैंक एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट जमा आदि पर मिलने वाले ब्याज के लिए इस कटौती का फायदा नहीं उठा सकते हैं। वहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए धारा 80टीटीबी के तहत 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त कटौती मिलती है, जो बचत खाते, एफडी और अन्य ब्याज आय पर लागू होती है।

अभी एक बचत खाते में सालाना 3-4 फीसदी का ब्याज मिलता है। एफडी पर 7 फीसदी से 8.60 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। हालांकि, कुछ निजी बैंक बचत खाते पर सात फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं लेकिन उसके लिए खाते में एक तय सीमा से अधिक पैसा होना चाहिए। सरकार ने छोटी बचत को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2012 के आम बजट में धारा 80टीटीए के तहत यह कटौती शुरू की थी। हालांकि, तब से कटौती की सीमा बरकरार है। लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए माना जा रहा है कि सरकार सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है।

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