उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनावों में उनकी पार्टी के मैदान में होने से दोनों दलों की नींद उड़ गई है इसलिए दोनों पार्टियों के नेता ध्यान बांटने के लिए नारे गढ़ रहे हैं। मायावती ने प्रदेश में भाजपा और सपा के बीच गठबंधन का आरोप लगाया।

बसपा प्रमुख ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के हाल में दिये भाषणों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और सपा के ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जैसे नारों पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कहा कि हर मामले में इनकी (भाजपा व सपा) दोगली सोच व नीतियों को ध्‍यान में रखकर वास्‍तव में होना यह चाहिए कि ‘बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।’ मायावती ने पत्रकारों से कहा, “जबसे उप्र में नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव घोषित हुए हैं तबसे भाजपा और सपा की नींद उड़ी हुई है क्योंकि इस बार सभी सीट पर बसपा भी अकेले यह चुनाव लड़ रही है।”

मायावती ने कहा, “काफी समय से एक-दो उपचुनाव को छोड़कर बसपा अधिकांश उप चुनाव नहीं लड़ी है तबसे खासकर भाजपा और सपा तथा इनका गठबंधन इन उपचुनावों में आपस में मिल बांटकर चुनाव लड़ते रहे हैं।” उन्‍होंने कहा, “लेकिन इस बार जब बसपा भी मैदान में डंटी है तो इन दोनों के गठबंधन की परेशानी बढ़ गयी है।”

बसपा प्रमुख ने दावा किया, “जनता का ध्‍यान बांटने के लिए अब भाजपा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और सपा के लोग ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जैसे नारों को प्रचारित करने में लग गये हैं। इनके हर मामले में दोगली सोच व नीतियों को ध्‍यान में रखकर वास्‍तव में होना यह चाहिए कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।” उन्‍होंने बसपा के शासन में बेहतर कानून व्यवस्था व विकास का दावा करते हुए कहा, “हालांकि प्रदेश में विकास व कानून व्‍यवस्‍था के मामले में भाजपा और पूर्व की सपा सरकार की तुलना में केवल बसपा का ही शासनकाल काफी बेहतरीन रहा है।”

मायावती ने जनता को आगाह करते हुए कहा, “ऐसे में हवा हवाई नारों व पोस्टरबाजी के चक्‍कर में नहीं पड़ना चाहिए। अब भाजपा के लोग अपनी कमियों की वजह से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा लगाकर वोट मांग रहे वहीं सपा के लोग यह नारा लगाकर यह वोट मांग रहे कि ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जबकि इनकी (नारों) आड़ में दोनों पार्टियां यहां के लोगों को गुमराह कर रही हैं।” उन्‍होंने मतदाताओं को सावधान करते हुए कहा कि ये लोग कमियों से ध्यान बांटने के लिए नारेबाजी और पोस्टरबाजी कर रहे हैं।

उप्र की कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में 13 नवंबर को मतदान और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। भाजपा नौ में आठ और उसकी सहयोगी रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) मीरापुर सीट पर चुनाव मैदान में है जबकि कांग्रेस के समर्थन से समाजवादी पार्टी ने सभी नौ सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं बसपा भी सभी नौ सीटों पर सीधे मुकाबले में है।

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