सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से उत्पन्न एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता की गिरफ्तारी से संरक्षण तथा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से भेजे गए समन को चुनौती संबंधी याचिका को ऐसी ही अन्य याचिकाओं के साथ सोमवार को सम्बद्ध कर दिया। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वह कविता एवं अन्य की याचिकाओं पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को अवगत कराया कि ईडी द्वार महिलाओं को समन किए जाने के समान मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम की पत्नी वरिष्ठ अधिवक्ता नलिनी चिदम्बरम की ओर से दायर याचिका भी लंबित है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस. वी. राजू ने कहा कि नलिनी चिदम्बरम की ओर से याचिका दायर होने के बाद तीन-सदस्यीय पीठ ने एक फैसला सुनाया था और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून के उन प्रावधानों को उचित ठहराया था, जिसके तहत ईडी को एक आरोपी को समन करने का अधिकार प्राप्त है। पीठ ने कहा कि सभी याचिकाकर्ताओं का पक्ष एक साथ सुना जाना ज्यादा मुफीद होगा और उसने मामले को तीन सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
मेहता ने इस मामले में विस्तृत ब्योरा दर्ज कराने की अनुमति मांगी, जिसे शीर्ष अदालत ने मंजूर कर लिया। शीर्ष अदालत ने 15 मार्च को गिरफ्तारी से संरक्षण और ईडी की ओर से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करने पर सहमति जता दी थी। ईडी ने इस मामले में अभी तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।