प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट’ और समूह के अन्य नेताओं के साथ वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को यहां समर पैलेस पहुंचे।

मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका में इस दौरान वह 15वें ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन में भाग लेंगे।

ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले समूह ब्रिक्स का यह वर्ष 2019 के बाद पहला ऐसा सम्मेलन है जिसमें सभी नेता व्यक्तिगत रूप से शामिल हो रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट में भाग लेने के लिए समर पैलेस पहुंचे। मेजबान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के साथ अन्य ब्रिक्स नेता वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे और वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाएंगे।’’

दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे मोदी का दक्षिण अफ्रीका के उप- राष्ट्रपति पाउल माशातिले ने वाटरक्लूफ एयर फोर्स बेस पर स्वागत किया जहां उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘कुछ देर पहले जोहानिसबर्ग पहुंचा। अगले कुछ दिन में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत और बैठकों को लेकर आशान्वित हूं।’’
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के निमंत्रण पर मोदी 22 से 24 अगस्त तक इस देश की यात्रा पर हैं। अफ्रीका 2019 के बाद ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के पहले प्रत्यक्ष सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के वाटरक्लूफ एयर फोर्स बेस पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका के उप-राष्ट्रपति पी माशातिले ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में भागीदारी और बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय स्तर पर ब्रिक्स और आमंत्रित देशों के नेताओं के साथ बातचीत शामिल है।

प्रिटोरिया हिंदू सेवा समाज के कार्यकर्ताओं और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान की स्थानीय इकाई सहित भारतीय समुदाय के सदस्यों ने बड़ी संख्या में, प्रधानमंत्री मोदी की आगवानी की।

मोदी इसके बाद जोहानिसबर्ग के सैंडटन सन होटल के लिए रवाना हो गये, जहां ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। होटल में उन्होंने ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स संवाद से पहले स्थानीय और भारतवंशी समुदाय के लोगों से मुलाकात की।

हाथों में भारतीय ध्वज और संगीत वाद्ययंत्र लिये भारतीय समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री का होटल पहुंचने पर स्वागत किया और ‘वंदे मातरम’ तथा ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

मोदी ने भारतवंशी समुदाय के सदस्यों के साथ अपनी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जोहानिसबर्ग में विशेष स्वागत के लिए दक्षिण अफ्रीका के भारतीय समुदाय का आभार।’’
दो महिलाओं ने 30 अगस्त को आने वाले रक्षा बंधन से पहले मोदी की कलाई पर राखी भी बांधी।

मोदी ने विशाल स्वामीनारायण मंदिर के एक मॉडल को भी देखा जो 2017 से निर्माणाधीन है और जिसके अगले साल पूरा होने की उम्मीद है। जोहानिसबर्ग के उत्तर में नॉर्थ राइडिंग का नया मंदिर केन्या के नैरोबी में स्थित ऐसे एक मंदिर के समान होगा, जो पूरी तरह से पत्थर से बना है। इसमें कक्षाएं और एक क्लिनिक भी शामिल होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होने से पहले यहां एक वक्तव्य में कहा कि ब्रिक्स देश विभिन्न क्षेत्रों में एक मजबूत सहयोग एजेंडा अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि ब्रिक्स विकास संबंधी अनिवार्यताओं और बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार सहित पूरे ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए चिंता का सबब बने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का मंच बन गया है।”

मोदी ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन ब्रिक्स देशों को भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने और संस्थागत विकास का जायजा लेने का उपयोगी अवसर प्रदान करेगा।

बाद में उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “जोहानिसबर्ग में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना हो रहा हूं। मैं ‘ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच’ और ‘ब्रिक्स प्लस डायलॉग’ कार्यक्रमों में भी शामिल होऊंगा। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए चिंता का सबब बने विभिन्न मुद्दों और विकास के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करने के वास्ते मंच प्रदान करेगा।”

प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका से यूनान के लिए प्रस्थान करेंगे। वह अपने यूनानी समकक्ष किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर वहां जाएंगे। यह उनकी पहली यूनान यात्रा होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 40 वर्षों के बाद यूनान की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होने का सम्मान मिला है।’’

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