राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे सहित सांसदों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संसद भवन परिसर में ने बुधवार को डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी और लोक सभा अध्यक्ष बिरला के अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और वर्तमान एवं पूर्व सांसदों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे, जिन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि।”
खडगे ने एक्स पर लिखा, “हम सबसे पहले और सबसे आखिरी में भारतीय हैं – बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर। बाबासाहेब स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आजीवन समर्थक थे।”
खडगे ने कहा, “उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हम सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक न्याय के उनके विचारों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। हमें सामूहिक रूप से राष्ट्र के लिए उनके बेहतरीन योगदान – भारत के संविधान को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए।”
अम्बेडकर ने मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
दलित पृष्ठभूमि से आने वाले अम्बेडकर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने वंचितों के अधिकारों की वकालत की। 1956 में उनके निधन के बाद से, उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है।