भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि BJP विधायक ने ही अपनी अलग पार्टी VJP बना दी है। यह कई सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा विधायक की इस बगावती तेवर से पार्टी में चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। भाजपा विधायक ने सुभाष चंद्र बोस जैसे तेवर दिखाते हुए कहा है कि तुम मुझे 30 सीटें दे दो, मैं तुम्हें अलग विन्ध्य प्रदेश दूंगा।
मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाली विधानसभा चुनाव 2023 आसान नहीं दिख रहे हैं। मैहर से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य जनता पार्टी (vjp) का गठन किया है। अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे त्रिपाठी ने ऐलान किया है कि इस पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। त्रिपाठी का दावा है कि वे मध्यप्रदेश से अलग विन्ध्य प्रदेश बनाकर दिखाएंगे। भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी इससे पहले भी बगावती तेवर दिखा चुके हैं। तीन साल पहले भी वे कांग्रेस के संपर्क में आ गए थे। उस समय भी वे अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे।
भाजपा विधायक ने यह भी ऐलान किया है कि उनकी विन्ध्य जनता पार्टी विन्ध्य क्षेत्र की करीब 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मैहर में विन्ध्य प्रीमियम लीग सीजन-2 के समापन मौके पर नारायण त्रिपाठी ने जनता को संबोधित करते हुए सहयोग की मांग की है। त्रिपाठी ने कहा है कि विन्ध्य की 30 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नारे की तरह नारायण त्रिपाठी ने कहा कि तुम मुझे 30 दो, मैं तुम्हें विन्ध्य दूंगा।
त्रिपाठी अब तक समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा से चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। कई बार कांग्रेस के संपर्क में आने से अटकलें तेज हो जाती हैं। शुरू से ही त्रिपाठी की तल्खियां सीएम शिवराज सिंह चौहान और सरकार से नजर आती रही हैं। लेकिन, इस बार विन्ध्य की पूरी सीटों पर विन्ध्य जनता पार्टी के प्रत्याशी उतारने के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासत गर्माने लगी है। सवर्ण समाज के मतदाताओं के गुस्से के बावजूद पिछले चुनाव में विन्ध्य की 30 सीटों में से 27 सीटों पर BJP के उम्मीदवार जीते थे।
राजनीतिक जानकारों की माने तो यदि त्रिपाठी की पार्टी चुनाव मैदान में उतरती है तो उनकी पार्टी भाजपा के ही वोट काट सकती है। भाजपा के कब्जे में फिलहाल रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले हैं, जहां भाजपा के कब्जी वाली सीटें हैं।
त्रिपाठी जल्द ही अपने क्षेत्र में विन्ध्य जनता पार्टी के बैनर तले छतरपुर के बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा भी कराएंगे। यह कथा 3 मई से 7 मई तक चलेगी।त्रिपाठी ने बताया कि पांच दिन चलने वाली कथा का आयोजन मैहर देवी धाम में होगा। कथा की शुरुआत में 51 हजार कलश लेकर शोभायात्रा भी निकाली जाएगी, जो एक रिकार्ड भी बना सकता है।
भारत में पहले विन्ध्य प्रदेश अस्तित्व में था। स्वतंत्रता के बाद सेंट्रल इंडिया एजेंसी के पूर्वी भाग की रियासतों को मिलाकार 1948 में इस राज्य का निर्माण किया गया था। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की कुछ रियासतों को मिलाकर विन्ध्य प्रदेश की रचना की गई थी। इस राज्य की राजधानी रीवा थी। रीवा रियासत में ही बघेलखंड, बुंदेलखंड आदि भी थे। यह दतिया तक था। विन्ध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. शम्भूनाथ शुक्ल थे, जो शहडोल के रहने वाले थे। 1 नवंबर 1956 को सब मिलाकर मध्यप्रदेश बना दिया गया था। वर्तान में मध्यप्रदेश के रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, सिंगरौली, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया और उमरिया विन्ध्य प्रदेश के ही भाग थे।