मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। प्रभारी मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने पूरी आक्रामता के साथ चुनाव तैयारी में जुटने की नसीहत दी। योगी ने मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार वाले विधान सभा क्षेत्रों में जाकर जमीनी हकीकत परखने और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के फैलाए भ्रमजाल को तोड़ने के लिए मंत्री क्षेत्र में रात्रि विश्राम भी करें।
पार्टी के अंदरूनी विवादों के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उपचुनाव की तैयारी के लिए प्रभारी मंत्रियों के साथ एक विस्तृत बैठक की। इसके साथ ही, दो दिन से चल रहे घटनाक्रम पर भी विराम लग गया। जिन मंत्रियों ने कुछ मुद्दों पर सरकार से असहमति जताई थी, उन्हें भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
मुख्यमंत्री इस बार उपचुनाव में कोई भी कमी नहीं चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली बड़ी हार के बाद, सरकार और संगठन दोनों ही बहुत सावधानी से कदम उठा रहे हैं। सभी के सामने उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीतने की चुनौती है। योगी नहीं चाहते कि किसी भी मुद्दे को हल्के में लिया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों में जोश भरते हुए अपनी रणनीति स्पष्ट की। उनका ध्यान तीन मुख्य बिंदुओं पर था: पहला, कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना, उन्हें सम्मान देना और उनकी राय को महत्व देना। दूसरा, डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना और जरूरी विकास कार्यों को चिन्हित करना। तीसरा, विपक्ष द्वारा फैलाए गए आरक्षण आदि के भ्रम को दूर करना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वोटर लिस्ट पर विशेष ध्यान दें, जिनके नाम कट गए हों, उन्हें पुनः जोड़ें। कार्यकर्ताओं से संवाद करें, उनकी नाराज़गी दूर करें और उन्हें संतुष्ट करें। उन्हें महसूस हो कि सरकार और संगठन उनके साथ हैं। कार्यकर्ताओं को मिलने के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। जब हम रामपुर और आजमगढ़ जीत सकते हैं, तो कोई भी चुनाव जीता जा सकता है।
मुजफ्फरनगर की मीरापुर, संभल की कुंदरकी, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर (सुरक्षित), मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फुलपुर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों को प्रभारी बनाया गया है। इन सीटों के नौ विधायक अब सांसद बन गए हैं। इन दस सीटों में भाजपा गठबंधन के पास पांच और पांच पर सपा के विधायक थे।