लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने यूपी की सभी 80 सीटों पर सर्वे शुरू कर दिया है। यह सर्वे तीन स्तरीय है। तीनों में से दो सर्वे में जिन दावेदारों के नाम आएंगे उन्हें पैनल में जगह मिल सकती है। प्रत्याशी चयन में उन्हीं नामों पर मंथन किया जाएगा। तीनों रिपोर्ट मिलाकर ही पार्टी चुनाव का रोडमैप तैयार करेगी।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इसलिए एक-एक सीट पर प्रत्याशी का चयन महत्वपूर्ण है। लिहाजा चुनाव से करीब एक वर्ष पहले ही पार्टी ने सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे टीम के सदस्य अपनी पहचान छिपाते हुए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में जाकर मौजूदा सांसद की छवि, क्षेत्र में उसकी उपस्थिति, जनता से व्यवहार को लेकर अन्य जानकारी एकत्र कर रहे हैं। प्रत्याशी बदलने पर चुनावी स्थिति, संभावित दावेदार, जातीय समीकरण का भी आकलन किया जा रहा है।
जनता के बीच चुनावी मुद्दे, मोदी-योगी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों का असर, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर सहित राष्ट्रवाद के अन्य मुद्दों का जनता के बीच राजनीतिक प्रभाव की भी जानकारी जुटाई जा रही है। सर्वे के लिए नियुक्त एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में डेरा जमा लिया है। टीम सर्वे रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को सौंपेगी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय स्तर पर पहले चरण का सर्वे कराया जा रहा है। दूसरे स्तर का केंद्रीय संगठन और तीसरे स्तर का सर्वे केंद्र सरकार की ओर से कराया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के लिए सर्वे शुरू किया है, विभिन्न मुद्दों पर सर्वे हो रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव की रणनीति तय होती है।
-भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
मिशन 2024 : रेड जोन के लिए गहन सर्वे करा रही भाजपा
लोकसभा चुनाव 2014 व 2019 के परिणाम के आधार पर भाजपा ने अंबेडकरनगर, अमरोहा, जौनपुर, लालगंज, सहारनपुर, श्रावस्ती, आजमगढ़, मैनपुरी, रायबरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, गाजीपुर, घोसी, रामपुर, संभल व नगीना क्षेत्र को रेड जोन में रखा है। क्योंकि पार्टी ने सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है ऐसे में रेड जोन की इन सीटों पर गहन सर्वे करा रही है। इसके माध्यम से पिछली बार हार के कारणों के साथ आगामी चुनाव में जीत के उपायों को तलाशा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सर्वे टीम के सदस्य किसी भी जिले में जाकर अपना परिचय नहीं देंगे। बल्कि चाय की दुकान, सरकारी एवं निजी दफ्तरों, पार्कों, प्रबुद्ध लोगों, महिलाओं और युवाओं के बीच जाकर उनसे निर्धारित बिंदुओं के अनुसार बातचीत करेंगे। बातचीत से निकले निष्कर्ष को सर्वे में शामिल किया जाएगा।