2024 के आम चुनावों में मिशन 400 की लड़ाई में केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुस्लिमों को रिझाने के लिए लंबी लकीर खींचने की कोशिश की है। 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने एक साल चलने वाला ”सूफी संवाद” अभियान की शुरुआत बुधवार को की। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना में मुस्लिम बहुल जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इस अभियान को सफल बनाने के लिए भाजपा ने देश भर के मुसलमानों तक 150 गैर-राजनीतिक लोगों की एक टीम के साथ पहुंचने की योजना बनाई है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इन लोगों को अलग-अलग टीमों में बांटकर अल्पसंख्यकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए भेजा जाएगा।

पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने कहा कि अभियान के लिए सूफीवाद से जुड़े 150 लोगों का दल बनाया गया है। इस अभियान का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक बड़ी सभा को संबोधित करने के साथ होगा।

योजना के अनुसार, ये टीम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराने के लिए मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करेगी। टीम विभिन्न संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग एक वर्ष तक मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी।

अभियान की शुरुआत करते हुए जमाल सिद्दीकी ने कहा, “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के एजेंडे के साथ सूफी समुदाय तक पहुंचने का निर्देश दिया है। अब हमें मुस्लिम समुदाय के बीच जाना है और उन्हें बताना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार जाति,पंथ या समुदाय का भेद किए बिना सभी के लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में विपक्ष की गलत धारणाओं को भी दूर करेंगे।

अभियान के तहत ये टीम उन लोकसभा क्षेत्रों में जाएगी, जहां 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। अभियान के तहत उन संसदीय क्षेत्रों में सेमीनार, डोर-टू-डोर संपर्क और संवाद आयोजित किया जाएगा और मोदी सरकार की उपलब्धियां एवं नीतियों के बारे में अल्पसंख्यकों को बताया जाएगा। मोर्चा का फोकस यूपी के सहारनपुर, मेरठ, रामपुर और आजमगढ़ एवं बिहार के किशनगंज, अररिया और कटिहार संसदीय क्षेत्रों में विशेषकर होगा क्योंकि ये मुस्लिम बहुल इलाके हैं।

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