केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और ओम पाठक ने गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकत कर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेताओं द्वारा लगातार दिए जा रहे बयानों को निष्पक्ष और सहज चुनाव में बाधा बताते हुए आयोग से कार्रवाई की मांग की।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा चुनाव के संदर्भ में विपक्षी दलों और कांग्रेस पार्टी द्वारा निरंतर व्यक्तियों के विषय में, नीतियों के विषय में और संवैधानिक व्यवस्था के बारे में झूठ का जो प्रचार किया जा रहा है एवं समाज में तनावपूर्ण वातावरण बनाने का जो प्रयास किया जा रहा है, ऐसे तकरीबन 15 से अधिक उदाहरणों को चुनाव आयोग के सामने रखकर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि ये सब बयान केवल सामान्य दिए गए बयान नहीं हैं, बल्कि, कांग्रेस पार्टी यह व्यवस्थित रूप से कर रही है। पहले कांग्रेस बयान देती है, फिर उनके गठबंधन के सहयोगी उसे दोहराते हैं। फिर उनका सोशल मीडिया इस झूठ और भ्रम का प्रचार करता है और फिर डीप फेक के जरिए आपराधिक तरीकों से उसे फैलाया जाता है।
त्रिवेदी ने इसे निष्पक्ष और सहज चुनाव में बाधा बताते हुए दावा किया कि चुनाव आयोग ने उनकी बातों को सुना है और कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस को मुखौटा हटाकर मुद्दों पर चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए यह भी कहा कि वह कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं से कहना चाहते हैं, सीधे आकर मुद्दों पर चुनाव लड़िए।
उन्होंने आरोप लगाया कि आपने पहले मुखौटा लगाकर पीछे से सरकार चलाई। मुखौटा आगे करके पीछे से पार्टी चला रहे हैं और अब मुखौटा लगाकर चुनाव प्रचार करना बंद करिए। सीधे मुद्दे की बातें कीजिए जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आंख में आंख मिलाकर बात करिए।
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए भाजपा चुनाव आयोग से यह उम्मीद करती है कि वह इस प्रकार की चीजों पर गंभीर और त्वरित कार्रवाई करें, जो निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव कराने के लिए आवश्यक है और वह कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हैं कि वह झूठ और प्रपंच के मुखौटे को हटाकर मुद्दों पर भाजपा से सीधे मुकाबला करे।
वहीं, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार और बार-बार झूठ बोल रही है, मॉर्फ वीडियो एवं फोटो को फैला रही है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए खतरा है।