मेरठ में भाजपा के बड़े नेता के भाई ने 70 हजार लोगों के पीने का पानी चुराया। इतना ही नहीं भोलीभाली जनता की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कराकर उनके हिस्से का पानी किसानों और धोबियों को बेच दिया। नगर निगम ने जनता की शिकायतों के आधार पर जब टंकियों, जलाशयों की स्थलीय चैकिंग की तो पानी की भारी बर्बादी सामने आई। निरीक्षण में जलाशयों में ढेर कमियां मिली। इन कमियों पर नगर निगम ने नाराजगी जताते हुए ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए 20हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

ठेकेदार ने पेयजल लाइन में सेंधमारी करते हुए पीने का पानी सिंचाई में बेच दिया।अवर जलाशयों में ठेकेदार द्वारा रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी टेंटों की कारपेट धुलाई में हो रही थी। निरीक्षण में मौके पर अफसरों को 100 से ज्यादा कारपेट सूखते मिले।

मेरठ नगर निगम हर साल जलाशयों की देखरेख, मेंटीनेंस का ठेका छोड़ता है। पिछले साल यह ठेका मैसर्स जेएस नामक फर्म के नाम छूटा था। जेएस फर्म के संचालक ठेकेदार हिमांशु बाली है। हिमांशु बाली भाजपा महानगर महामंत्री महेश बाली के भाई हैं। सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने के कारण हिमांशु बाली की फर्म को जलाशयों के रखरखाव का ठेका मिल गया। नगर निगम ठेकेदार को एक जलाशय की मेंटिनेंस के लिए 16हजार रुपए देता है।

नगर निगम की अपर नगरायुक्त ममता मालवीय ने फाजलपुर और लखवाया जलाशय का निरीक्षण किया। अपर नगरायुक्त जब मौके पर पहुंची तो देखा कि अवर जलाशयों पर धोबी घाट लगा है। वहां पीने के शुद्ध पानी से टेंट के कारपेट धुल रहे थे। जलाशय की देखभाल और निरीक्षण के लिए वहां ठेकेदार के कर्मचारी चौकीदार भी नहीं थे। जिस जलाशय से 70हजार से अधिक की जनता अपनी प्यास बुझाती है। घरों में जलापूर्ति होती है उस जलाशय का पानी इस तरह बर्बाद हो रहा था। पानी बर्बाद होकर कालीन धुलाई में बहाया जा रहा था। पानी की बर्बादी देखकर अपर नगरायुक्त काफी नाराज हुई और मौके से टेंट वाले के 100 कालीन जब्त भी कर लिए। साथ ही ठेकेदार पर इस लापरवाही के लिए 20हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।

मेरठ में 64 अवर जलाशय हैं। इसमें 30 को नगर निगम खुद चला रहा है और 34 जलाशय ठेकेदार हिमांशु बाली को मेंटीनेसं के लिए ठेके पर दिए हैं। इन जलाशयों के आसपास क्षेत्रों में रहने वाली जनता लगातार नगर निगम को पानी की बर्बादी और गंदे पानी की शिकायतें कर रही थीं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर अपर नगर आयुक्त ने निरीक्षण किया जिसमें तमाम कमियां सामने आई।

निरीक्षण के दौरान लखवाया के जलाशय पर लोगों ने कब्जा मिला। टंकी के पानी से टेंट कारपेट धुल रहे थे। वहीं टंकी में पाइप लगाकर खेत की सिंचाई हो रही थी। बता दें कि इस लखवाया अपर जलाशय से पठानपुरा, मुरलीपुर, लखवाया और दायमपुर इन क्षेत्रों में पानी की सप्लाई होती है। निरीक्षण के वक्त पूछताछ में पता चला कि जलाशय का पानी सिंचाई और धुलाई के लिए बेचा जा रहा था। इसकी वजह से इलाकों में पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा था। आम जनता पानी की किल्लत से परेशान थी।

अपर नगरायुक्त ने ठेकेदार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है। जिसमें अवर जलाशय पर ठेकेदार की कंपनी का एक श्रमिक क्यों था जबकि नियमानुसार दो श्रमिकों की तैनाती होना चाहिए। शुद्ध पानी से सिंचाई, टेंट धुलाई क्यों हो रही थी। बाहरी लोगों ने अवर जलाशय की दीवारों को क्यों तोड़ा। पाइपलाइन तोड़कर उससे कारपेट कैसे धुलवाए जा रहे थे, ये सवाल पूछे हैं।

अपर नगरायुक्त ममता मालवीय ने बताया कि सिर्फ 2 जलाशयों का निरीक्षण किया तो वहां ढेरों कमियां मिली हैं। वहां पानी की चोरी हो रही थी, कालीन धुल रही थी। अब अन्य जलाशयों की भी जांच की जाएगी। ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है। जल्द ही नए ठेके की प्रक्रिया भी शुरू करेंगे।

नगर निगम में अवर जलाशयों की मेंटिनेंस का ठेका भाजपा महानगर महामंत्री महेश बाली ने अपने भाई की फर्म को दिलाया हुआ है। जबकि प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने कार्यकर्ताओं के इस कदम पर भारी रोष जताया था। मेरठ में अपनी पूर्व में बेठकों में सुनील बंसल कायर्कर्ताओं को स्पष्ट कह चुके हैं कि कार्यकर्ता ठेकों से दूर रहे। इसके बाद तमाम नेताओं ने विभागों के कई ठेके अपने भाई और परिजनों के नाम कर दिए। पीछे से सपोर्ट में खड़े हो गए। चर्चा है कि भाजपा नेता मेडिकल कॉलेज सहित तमाम काम करा चुके हैं।

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