पूर्व भाजपा नेता और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे जॉन बारला पार्टी से असंतुष्ट होने की अटकलों के बाद, पश्चिम बंगाल में आधिकारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं। उनके जाने को पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए एक झटका माना जा रहा है। यह तब हुआ तब राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बारला एक महत्वपूर्ण आदिवासी नेता हैं और चाय बागानों और आदिवासी इलाकों में उनका प्रभाव है। बारला ने वर्तमान विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा बाधा उत्पन्न किए जाने पर निराशा व्यक्त की।

बारला का टीएमसी में स्वागत नेता सुब्रत बक्शी और अरूप बिस्वास ने किया तथा अपने समुदाय के लिए काम करने का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब मैं भाजपा में था, तो मुझे आदिवासी लोगों के विकास के लिए काम करने की इजाजत नहीं थी। बारला के पाला बदलने की अफवाहें तब उड़ीं जब उन्हें भाजपा के पिछले टिकट वितरण में उम्मीदवार नहीं बनाया गया और जनवरी की शुरुआत में उन्होंने राज्य सरकार के एक कार्यक्रम में भाग लिया। 

ममता बनर्जी ने बुधवार को कूचबिहार से एक किसान को बांग्लादेशियों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर अगवा किये जाने के मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मुद्दा कूटनीतिक है और इस पर दोनों देशों की सरकारों के बीच चर्चा होनी चाहिए। बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘प्राथमिक कार्य उन्हें वापस लाना है’’। उन्होंने मुख्य सचिव मनोज पंत को संबंधित विभाग से बात करने का निर्देश दिया। 

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