उत्तर प्रदेश में बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 21 साल पुराने चर्चित नगरा गोलीबारी मामले में साक्ष्य के अभाव का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह समेत 18 लोगों को बरी कर दिया। एक अधिवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

मामला 18 मार्च 2004 को हुई एक घटना से जुड़ा
मिली जानकारी के मुताबिक, बचाव पक्ष के अधिवक्ता कौशल सिंह ने शुक्रवार को एक न्यूज एजेंसी को बताया कि सांसद/विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद यह आदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला 18 मार्च 2004 को हुई एक घटना से जुड़ा। नगरा पुलिस थाने के प्रभारी सुधीर चंद्र पांडे द्वारा दर्ज की गई पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन भाजपा विधायक राम इकबाल सिंह और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर नगरा पुलिस थाने का घेराव किया था।

अदालत ने भाजपा के पूर्व विधायक समेत 18 को किया  बरी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप प्रधान राजभर और हरेंद्र पासवान की मौत हो गई और लगभग 30 ग्रामीण और 25-30 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जांच के बाद, पुलिस ने राम इकबाल सिंह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक उमाशंकर सिंह और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने बाद में बसपा विधायक के खिलाफ मामला वापस ले लिया।

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