महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। चुनाव परिणामों के चार दिन बाद भी यह तय नहीं हो पाया है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस समय बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर तनातनी बढ़ गई है। हालांकि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया था, लेकिन अब शिंदे ने इसके बदले अपनी कुछ शर्तें रखी हैं, जिससे सियासी सरगर्मियाँ और बढ़ गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी द्वारा दिए गए ऑफर पर एकनाथ शिंदे ने बुधवार सुबह कुछ नई शर्तें रखी हैं। शिंदे ने बीजेपी को यह प्रस्ताव दिया कि अगर वे डिप्टी मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं, तो इसके बदले उन्हें गृह मंत्रालय भी दिया जाए और उनकी पार्टी से 2 डिप्टी सीएम की नियुक्ति की जाए। शिंदे का यह नया प्रस्ताव बीजेपी के लिए एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि पार्टी के लिए यह एक बड़ा निर्णय होगा, जिसमें महाराष्ट्र की सत्ता और केंद्र की राजनीति दोनों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर डिप्टी सीएम बनने का ऑफर दिया था, इसके साथ ही शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय और केंद्र में मंत्री बनाने की पेशकश भी की थी। लेकिन शिंदे ने इस ऑफर को सीधे तौर पर स्वीकार नहीं किया और इसके बदले अपनी शर्तें सामने रखीं। शिंदे का कहना है कि अगर उन्हें डिप्टी सीएम बनना है, तो उन्हें गृह मंत्रालय भी सौंपा जाए, क्योंकि यह मंत्रालय राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक मामलों से जुड़ा महत्वपूर्ण विभाग है। इसके अलावा, शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी से दो डिप्टी सीएम बनाए जाएं, ताकि उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत बनी रहे।
अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी शिंदे की इन शर्तों को मानने के लिए तैयार होगी? राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बीजेपी के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा, क्योंकि एक तरफ तो उन्हें शिंदे का समर्थन चाहिए, जो केंद्र सरकार के लिए भी अहम हैं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र में पार्टी का राजनीतिक लाभ भी महत्वपूर्ण है। बीजेपी का मकसद न सिर्फ राज्य में सत्ता बनाए रखना है, बल्कि केंद्र में मोदी सरकार को भी स्थिर रखना है। ऐसे में बीजेपी को शिंदे की शर्तों पर गंभीरता से विचार करना होगा, खासकर गृह मंत्रालय देने और दो डिप्टी सीएम बनाने के मामले में।
अगर बीजेपी शिंदे की शर्तों को स्वीकार करती है, तो महाराष्ट्र की सरकार में तीन डिप्टी सीएम हो सकते हैं। यह स्थिति महाराष्ट्र की सियासत में एक नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि पहले ही भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद गहरा चुका है। अगर बीजेपी और शिवसेना के बीच समझौता हो जाता है, तो इस बार तीन डिप्टी सीएम हो सकते हैं, जो राज्य की राजनीति में एक नई परंपरा शुरू कर सकते हैं।
बीजेपी को यह तय करना होगा कि क्या वह शिंदे की शर्तों को मानती है या नहीं। शिंदे के पास महाराष्ट्र में मजबूत राजनीतिक समर्थन है और उनकी पार्टी के पास 9 सांसद भी हैं, जो मोदी सरकार के लिए अहम हो सकते हैं। अगर बीजेपी शिंदे को मनाने में सफल रहती है, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है। वहीं, अगर शिंदे की शर्तें नहीं मानी जातीं, तो स्थिति और भी जटिल हो सकती है और शिवसेना के साथ संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब बीजेपी को हर कदम सोच-समझकर उठाना होगा। पार्टी को यह देखना होगा कि शिंदे के समर्थन को कैसे बनाए रखा जाए, ताकि महाराष्ट्र में सत्ता की स्थिति स्थिर रहे। साथ ही, बीजेपी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र सरकार की स्थिति भी मजबूत बनी रहे। इस बीच, शिंदे ने अपनी शर्तें रखकर बीजेपी के सामने एक नई चुनौती पेश की है, जो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में और अधिक ट्विस्ट ला सकती है।