भाजपा, 2024 से पहले निकाय चुनाव में अपनी नई रणनीति का इम्तिहान ले लेगी। पार्टी ने नगर निगमों के साथ ही तमाम बड़ी नगर पालिका और नगर पंचायतें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसमें अल्पसंख्यकों का भी सहयोग लिया जाएगा। सरकार के काम और संगठन की शक्ति के बूते पार्टी इस लक्ष्य को पाने के लिए जुटेगी। निकाय चुनाव के लिए पर्यवेक्षक और प्रभारी पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं। इनमें थोड़ा बदलाव होगा। आरक्षण तय होते ही भाजपा प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर देगी। निकाय चुनाव के चलते पार्टी ने जिलाध्यक्षों के बड़े फेरबदल को भी फिलहाल टाल दिया है।
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर बुधवार को प्रदेश पदाधिकारियों और क्षेत्रीय अध्यक्षों की पहली बैठक हुई। बैठक में सहकारिता, निकाय चुनाव के साथ ही पार्टी के स्थापना दिवस, अंबेडकर जयंती, मन की बात सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने नए पदाधिकारियों को बधाई देते हुए आगामी निकाय और फिर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जनता के बीच विश्वनीयता है। मोदी-योगी जैसा ईमानदार नेतृत्व है। बूथों को मजबूत करने के साथ ही निकाय चुनाव की तैयारी में जुटें। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शहरों के लिए किए गए कामों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। निकाय चुनाव के चलते पार्टी ने बड़े पैमाने पर होने वाले जिलाध्यक्षों के फेरबदल को फिलहाल टाल दिया है। सूत्रों की मानें तो चुनाव से पूर्व चार-पांच जिलाध्यक्ष बदल सकते हैं। इनमें निष्क्रिय व शिकायतों वाले जिले शामिल बताए जा रहे हैं। नये प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही पूर्व पदाधिकारियों को भी जिलों में पर्यवेक्षक बनाएंगे।
वहीं चौधरी ने अतीक को उम्रकैद को लेकर योगी सरकार की सराहना की है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकारों को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने माफिया को सजा क्यों नहीं दिलाई। उन्होंने कहा सपा सरकार में गवाहों नहीं बल्कि माफिया को सुरक्षा मिलती थी।
प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आगामी छह अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस धूमधाम से मनेगा। जिला स्तर के साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र के कम से कम 100 बूथों पर कार्यक्रम होंगे। 14 अप्रैल को डा. बीआर अंबेडकर की जन्म जयंती पर हर जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम होंगे। समरसता के कार्यक्रमों का सिलसिला पूरे सप्ताह चलेगा। पीएम मोदी के मन की बात के 100वें संस्करण को विधानसभा स्तर पर सुनने की व्यवस्था होगी।
पार्टी के ज्यादातर मोर्चों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। मौजूदा टीम ही काम करती रहेगी। वहीं ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष के लिए प्रदेश की ओर से नाम केंद्र को भेज दिया गया है। जल्द इसका ऐलान हो जाएगा।
पदाधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया कि टिकटों में गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। चुनावी सीजन में चमक-दमक वाले तमाम लोग चिपकते हैं। मगर कोई ऐसा आरोप न लगे, जिससे आपकी या पार्टी की बदनामी हो।