भाजपा में आंतरिक खींचतान की अटकलों के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा में कुर्सी को लेकर संघर्ष चल रहा है। इसका केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश को तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सपा का गुंडाराज वापस नहीं आएगा और भाजपा 2027 में 2017 की तरह फिर से विजयी होगी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद मान रहे हैं कि विभागों में भ्रष्टाचार हो रहा है, फिर भी उसे रोकने में असमर्थ हैं। यह भ्रष्टाचार उनके प्रिय मंत्री के विभाग में चल रहा है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि आरटीओ कार्यालय रिश्वतखोरी का अड्डा बन गया है। यदि मुख्यमंत्री ऐसा कह रहे हैं, तो जनता जानना चाहेगी कि भ्रष्टाचार कौन करवा रहा है और कौन इसमें शामिल है।
अखिलेश ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा खेमों में विभाजित हो गई है। भाजपा के एक मुख्यमंत्री अपने ही शीर्ष नेतृत्व के दिए नारों को अस्वीकार कर रहे हैं। भाजपा में कुर्सी की लड़ाई के कारण उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन प्रभावित हो गया है। भाजपा जो अन्य दलों में तोड़फोड़ की राजनीति करती थी, वही अब अपने दल के अंदर कर रही है, जिससे वह अंदरूनी झगड़ों में फंसती जा रही है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। दरअसल, अखिलेश यादव ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुर्सी की लड़ाई में भाजपा जनता को भूल रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केशव ने एक्स पर एक पोस्ट में अखिलेश को घेरा। उन्होंने लिखा कि सपा बहादुर अखिलेश यादव जी, भाजपा का संगठन और सरकार दोनों ही देश और प्रदेश में मजबूत हैं।
उन्होंने कहा कि सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) सिर्फ धोखा है और यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव में 2017 की तरह फिर से विजय प्राप्त करेगी।
इससे पहले, बुधवार की सुबह केशव प्रसाद मौर्य के ऑफिस के हैंडल से एक्स पर एक पोस्ट किया गया था, जिसे कुछ ही देर बाद डिलीट कर दिया गया। इसमें केशव का वही बयान था जो उन्होंने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में दिया था। इसमें लिखा था कि संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं है, कार्यकर्ता ही गौरव हैं। इस पोस्ट को डालकर डिलीट किए जाने के बाद सियासी हलकों में तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गईं। हालांकि, कुछ समय बाद इस पोस्ट को फिर से डाल दिया गया।