भाजपा नेता दिलीप घोष की पत्नी के पिछले विवाह से हुए पुत्र का न्यू टाउन इलाके में एक फ्लैट से मंगलवार को शव मिला है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया, मृतक की पहचान श्रींजय मजूमदार के तौर पर हुई है और उसे जब नजदीकी निजी अस्पताल में ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। श्रींजय (26) घोष की पत्नी रिंकू की पिछली शादी से उत्पन्न पुत्र था।

शव के पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना से इनकार किया गया है। पोस्टमार्टम आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किया गया। 

इस अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, रिपोर्ट से पता चलता है कि मौत मुख्य रूप से ‘एक्यूट हेमोरेजिक पैंक्रियाटाइटिस‘ (तीव्र रक्तस्रवी अग्न्याशयशोथ) के कारण हुई। भाजपा की महिला इकाई की नेता रिंकू ने पिछले महीने एक निजी समारोह में घोष के साथ शादी की थी।

पुलिस ने बताया, मृतक को पहले एक निजी अस्पताल और फिर बिधाननगर उप-मंडलीय अस्पताल ले जाया गया। इस संबंध में टेक्नो सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिसकर्मी ने बताया, शुरुआती जांच से पता चला है कि श्रींजय के दो सहकर्मी सोमवार रात को उसके फ्लैट पर आए थे।

उन्होंने बताया, इनमें से एक उसकी प्रेमिका थी, जिसके साथ उसकी जल्द ही शादी होने वाली थी। रात में श्रींजय ने अपनी मां और एक रिश्तेदार से भी बात की थी, जिनके साथ उसे आज सुबह दुर्गापुर जाना था।

घोष के साथ कोलकाता स्थित उनके आवास पर रह रही रिंकू मजूमदार श्रींजय की प्रेमिका का फोन आने के बाद अपने बेटे के फ्लैट पर पहुंची। वे एक पड़ोसी की मदद से उसे पास के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां श्रींजय को ’मृत’ घोषित कर दिया गया। 

रिंकू मजूमदार ने बताया कि उनका बेटा किसी न्यूरोलॉजिकल बीमारी से पीड़ित था और पिछले डेढ साल से उसका इलाज चल रहा था।

उन्होंने कहा, विवाह के बाद फ्लैट छोड़कर घोष के साथ उनके घर पर रहने के कारण उनका बेटा ’गंभीर तनाव’ में हो सकता है। रिंकू मजूमदार ने कहा, मुझे पता चला कि वह न तो ठीक से खाना खा रहा था और न ही दवाइयां ले रहा था। उसने मुझे कभी नहीं बताया, लेकिन एक मां होने के नाते मैं महसूस कर सकती थी कि वह उदास था। 

उन्होंने श्रींजय द्वारा आयोजित ‘मदर्स डे‘ समारोह और उस अवसर पर उन्हें दिए गए उपहारों का जिक्र करते हुए कहा, उसने मुझे कभी नहीं बताया कि वह शादी के बाद परेशान था। उसके दोस्तों ने मुझे उसे अपने साथ ले जाने के लिए कहा.. मैं ऐसा करने ही वाली थी।

घोष ने अपने ’पुत्र’ के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस क्षति से कैसे निपटें।

घोष ने कहा, यह मेरी बदकिस्मती है। मैं बहुत बदकिस्मत हूं। मुझे कभी बेटा होने का सुख नहीं मिला, लेकिन मैं बेटे के निधन पर शोक मना रहा हूं। श्रींजय मेरे बहुत करीब था। हम मैच देखने जाते थे। हम एक-दूसरे को बहुत पसंद करते थे।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हलिसहर में रहने वाले श्रींजय के पिता भी आरजी कर अस्पताल गए। रोते हुए पिता ने कहा, उसने मुझसे एक सप्ताह पहले बात की थी और कहा था कि वह घर आ रहा है.. मुझे नहीं पता कि क्या कहूं।

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