लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी निषाद पार्टी की प्रादेशिक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुधवार को भंग कर दी गईं। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने पार्टी के दो दिवसीय प्रादेशिक सम्मेलन के पहले दिन दल की प्रांतीय और राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग करने का ऐलान किया। बयान के मुताबिक, यह कदम आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है और जल्द ही नई कार्यकारिणियों का गठन किया जाएगा।
निषाद बिरादरी में असरदार मानी जाने वाली निषाद पार्टी का दो दिवसीय प्रादेशिक सम्मेलन आज शुरू हो गया। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा समेत विभिन्न प्रकोष्ठ के पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। निषाद ने बताया कि इस बैठक का आयोजन आगामी लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी की भूमिका को लेकर किया जा रहा है। बैठक में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव को लेकर राय भी ली जाएगी। उन्होंने बताया ‘‘ उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों को ध्यान में रखते हुए निषाद पार्टी ने तीन चरणों में लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार की है।
प्रथम चरण में प्रदेश की 27 मछुआ बहुल सीटों पर तैयारी की जाएगी। इन 27 लोकसभा क्षेत्रों में मछुआ समाज (केवट, मल्लाह, बिंद, धीवर, रैकवार, बाथम, तुरैहा, कश्यप, निषाद समेत 17 जातियों) के मतदाता 4.5 लाख से अधिक हैं, अत: इन 27 सीटों पर बूथ कमेटी, ब्लॉक कमेटी को दुरुस्त कर मछुआ समाज को पार्टी और संगठन से जोड़ा जाएगा।” उन्होंने बताया कि बाकी 53 लोकसभा सीटों को दूसरे और तीसरे चरण में जोड़ा जायगा, मगर प्रथम चरण की 27 लोकसभा सीटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। निषाद ने बताया कि पार्टी अपने चुनाव निशान पर गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे स्थित 27 से अधिक लोकसभा क्षेत्रों पर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जीत दिलाने की कोशिश की जाएगी।