अगले आम चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाने का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी इस बार चुनावी मैदान में नई रणनीति के साथ उतरने जा रही है।
लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘माइक्रो लेवल’ प्लानिंग का जो चुनावी मंत्र दिया है, उसे धरातल पर उतारने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता और नेता कमर कस चुके हैं। भाजपा ने लक्ष्य रखा है कि इस बार 414 प्लस सीटें जीती जाएं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को नई धार देते हुए अहम संगठनात्मक बदलाव किए हैं।
हिन्दी पट्टी के तीन बड़े राज्यों में पराजय के बाद आम चुनाव के लिए बढ़ी चुनौतियों के मद्देनजर कांग्रेस आला कमान ने पिछले दो हफ्तों से सियासी फैसलों की गति बढ़ा दी है। इस कड़ी में कांग्रेस ने शनिवार को संगठनात्मक बदलाव का सबसे अहम फैसला किया। चार नये चेहरों को शामिल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खड़गे ने बारह महासचिवों की नई चुनावी टीम की घोषणा की।
खड़गे ने अक्टूबर, 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी, और उसके बाद उनका यह अहम फैसला है। बहरहाल, भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस मिशन 2024 के लिए अपने-अपने घटक दलों के साथ चुनावी तैयारियों का खाका बनाने में जुट गए हैं। भाजपा ने मंसूबा बांधा है कि इस बार सभी 543 लोक सभा सीटों को चार-चार या पांच-पांच सीटों के कलस्टर में बांटकर लक्ष्य को हासिल किया जाए।
पार्टी को लगता है कि आम चुनाव राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के एकदम बाद होने हैं, इसलिए उसके लिए स्थितियां माकूल होंगी और वह बड़े आराम से 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल कर सकती है। सरकारी योजनाओं के लाभ और मोदी का ब्रांड का मजबूत संबल उसके साथ है। तीन राज्यों-राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़-में हालिया चुनावी जीत से भाजपा कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं। लेकिन इन तमाम कारकों से उसकी जीत जितना सहज जान पड़ती है, उतनी है नहीं।
सबसे बड़ा कारण तो यह कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’, जिसका बड़ा घटक कांग्रेस है, यदि सीट शेयरिंग अच्छे से कर गया तो भाजपा के लिए चुनाव मैदान में केक वॉक जैसी स्थिति नहीं होगी। महंगाई, बेरोजगारी, युवा असंतोष जैसे अनेक मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर विपक्ष एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरा तो भाजपा के मजबूत दावे का मजबूती से जवाब दे सकता है। बहरहाल, भाजपा और कांग्रेस, दोनों अपने-अपने घटक दलों के साथ तैयारियों में जुट चुके हैं।