आईएमएस-बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने दोबारा तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे में पहला एलोजेनिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया है।
विभाग की प्रोफेसर एवं प्रभारी डॉ. विनीता गुप्ता ने बताया कि दो वर्षों में विभाग द्वारा किया गया यह 15वां स्टेम सेल प्रत्यारोपण है। पहले 14 प्रत्यारोपण ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रत्यारोपण थे, जहां स्टेम कोशिकाएं रोगी से स्वयं एकत्र की गईं थीं।
इन्हें बाल चिकित्सा ठोस ट्यूमर (पेट में ट्यूमर और लिम्फ नोड्स के कैंसर) के लिए किया गया था।
एलोजेनिक ट्रांसप्लांट के लिए डोनर की पहचान की गई और पाया गया कि मरीज अपनी बड़ी बहन से पूरी तरह मेल खाता है।
डोनर (बड़ी बहन) से एफेरेसिस की प्रक्रिया द्वारा स्टेम सेल एकत्र किए गए और रोगी को दिए गए। मरीज़ ने प्रक्रिया को अच्छी तरह से सहन किया और दो महीने अस्पताल में रहने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
प्रत्यारोपण डॉ. विनीता गुप्ता, डॉ. प्रियंका अग्रवाल और उनके साथियों, जूनियर रेजिडेंट्स और नर्सिंग अधिकारियों की टीम द्वारा किया गया।