बरेली में होली के दिन एक सुसमाचार हिंसा का मामला सामने आया है, जिसमें मस्जिद से लौटते समय नमाजी की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए यह कृत्य किया था। उन्होंने एकतरफा हमले में अपने पांच भाईयों के साथ मिलकर तौहीद अली और उसके बेटे जाहिद अली पर हमला किया, जब वे नमाज पढ़कर बाहर आ रहे थे।
घटना की शुरुआत तब हुई जब रात करीब 9 बजे तौहीद अली और उनके बेटे जाहिद, सीबीगंज के ग्राम सरनिया स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने गए थे। नमाज समाप्त करने के बाद जब वे मस्जिद से बाहर आए, तब पहले से घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उन पर हमला किया। इस हमलेमें तौहीद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि जाहिद गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने जाहिद को अस्पताल में भर्ती कराया और तौहीद अली के शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इस वारदात के बाद जाहिद अली ने मामले की शिकायत करते हुए सीबीगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया। यह शिकायत धारा 103(1)/ 3(5)/ 191(2)/ 191(3)/ 115(2)/ 351(2) बीएनएस के तहत की गई। पुलिस के अनुसार, इस मामले में दबीर हुसैन और उसके चार पुत्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुनाजिर, मोहम्मद आजम और नाजिम शामिल हैं, जिन्हें झुमका तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनसे हत्या में प्रयुक्त एक चाकू और डंडा भी बरामद किए।
आरोपियों के अनुसार, उनकी बहन की शादी तौहीद के बेटे जाहिद से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। शादी के बाद मात्र छह महीने में जाहिद और उसके परिवार ने उनकी बहन के साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। इस विषय को लेकर आरोपियों ने लगभग एक साल पहले जाहिद और उसके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला भी दर्ज कराया था। इसके अतिरिक्त, हाल ही में उनकी बहन पर हुए हमले के बारे में भी पुलिस को सूचित किया गया था, जिसमें जाहिद की मां और बहनों ने शामिल होने की बात कही गई थी।
इस मामले की समयरेखा बताती है कि 14 मार्च को भी पहले से हुए हमले के लिए उत्तेजना थी, जिसमें मुनाजिर ने तौहीद पर चाकू से वार किया और अन्य सहयोगियों ने डंडों से हमला किया। वर्तमान में इस मामले में और भी आरोपियों की तलाश जारी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। इस खौफनाक घटना ने बरेली में सुरक्षा और सामाजिक सामंजस्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है ताकि किसी भी दोषी को बख्शा न जाए।