बनभूलपुरा दंगे: जमानत याचिकाओं पर सरकार को आपत्ति देने के निर्देश
नैनीताल, 07 मार्च (हि.स.)। हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा दंगे में शामिल कई आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। सरकार को आपत्ति दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
सुनवाई पर अब्दुल मोईद की ओर से एक अतिरिक्त शपथपत्र पेश कर कहा गया कि घटना के वक्त वे घटना स्थल पर मौजूद नही थे। शपथपत्र में उनके ओर से कई साक्ष्य के बयान भी पेश किए। जिस पर कोर्ट ने इसकी जांच करके रिपोर्ट पेश करने को कहा।
वहीं कोर्ट ने अब्दुल चौधरी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि घटना के समय जो अभियुक्त वहां मौजूद थे उन सबका एक चार्जशीट बनाकर कोर्ट में पेश करें। याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हें वेवजह इस मामले में शामिल किया जा रहा है। मामले की जांच अभी जारी है। लिहाजा उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। इस मामले से जुड़े कई आरोपियों की जमानत हो चुकी है। उसी के आधार पर उन्हें भी साक्ष्यों के अभाव पर जमानत पर रिहा किया जाए।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार 18 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा हल्द्वानी में हुए दंगे में अब्दुल मोईद , अब्दुल मलिक सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने अब्दुल मलिक व उसके पुत्र मोईद को मुख्य आरोपी घोषित किया था। साथ ही उसके साथ देने वाले अन्य लोगों को भी आरोपी घोषित किया था। पुलिस की जांच में ये लोग शामिल पाए गए।
पूर्व में हुई सुनवाई पर अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए उनसे जिला न्यायालय में जमानत अर्जी दायर करने को कहा था। हाईकोर्ट ने न्यायालय में लंबित 18 से अधिक अब्दुल मोईद सहित अन्य की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की।