संताें ने महंत रामभजन दास रामायणी काे किया नमन
अयोध्या, 2 मई (हि.स.)।
सिद्धपीठ हनुमानकिला मंदिर रामघाट अयोध्या धाम के साकेतवासी महंत रामभजन दास रामायणी महाराज काे संताें ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को महंत रामभजन दास का त्रयाेदश संस्कार रहा। तेरहवीं भंडारे पर उपस्थित संत-महंतों ने उनके चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। संताें द्वारा महंत के कृतित्व-व्यक्तित्व का बखान भी किया गया। विगत दिनों महंत रामभजन दास रामायणी महाराज का 92 वर्ष की अवस्था में साकेतवास हो गया था। वह पिछले कुछ महीनाें से बीमार चल रहे थे। जिनका क्रिया-कर्म उनके उत्तराधिकारी रामकिशोर दास ने किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में ही रामकिशोर दास काे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया था। तब से रामकिशोर दास ही हनुमानकिला मंदिर की व्यवस्था संभाल रहे हैं और उन्होंने गुरुदेव की खूब सेवा किया।
महंत रामकिशोर दास ने कहा कि उनके गुरुदेव भजनानंदी हाेने के साथ साथ अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे। वह आज हम सबके बीच नही हैं। जिनकी कमी बहुत ही अखर रही है। भविष्य में उस रिक्त स्थान की पूर्ति कभी नही की जा सकती है। उनकी यश और कीर्ति सदैव हम लोगों के साथ रहेगी। गुरुदेव के बतलाए हुए मार्ग का अनुसरण कर आगे बढ़ेंगे। मठ का सर्वांगीण विकास करेंगे। आश्रम में ठाकुरजी की सेवा संग गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचार रूप से चलती रहेगी। अंत में महंत रामकिशोर दास ने पधारे हुए संत-महंताें काे भेंट-विदाई दिया।
त्रयाेदश संस्कार पर महंत कमलनयन दास, जगदगुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य, जगदगुरु परमहंसाचार्य, महंत जन्मेजय शरण, महंत अवधेश दास, महंत अयोध्या दास, महंत रामानंद दास, महंत उमेश दास,महंत भरत दास शास्त्री,महंत शिवराम दास, पुजारी रमेश दास, महंत अवनीश दास, महंत रामलखन शरण, महंत अशोक दास, महंत रामप्रकाश दास, महंत तुलसीदास दास आदि उपस्थित रहे।