रामझूला स्वर्गाश्रम के पास 40 दुकानों का अतिक्रमण हटाने के निर्देश
– अवैध अतिक्रमण के मामले में मुख्य सचिव वीसी के माध्यम से कोर्ट में हुए पेशनैनीताल, 30 अप्रैल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने रामझूला स्वर्गाश्रम के निकट नगर पंचायत जोंक जिला पौड़ी गढ़वाल में 40 लोगों द्वारा अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद 40 दुकानों के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने दुकानदारों की ओर से दायर पुर्नविचार याचिका को खारिज करते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट के पूर्व आदेश के क्रम में मुख्य सचिव वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पीपी एक्ट का सख्ती से पालन करने का निर्देश जारी करेंगे। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी मुक्तिनाथ पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि विपक्षीगण नारायण सिंह रावत व लगभग 40 अन्य की ओर से रामझूला के नगर पंचायत जोंक जिला पौड़ी गढ़वाल के खसरा नंबर 63 की भूमि पर अवैध रूप से मकान दुका बनाकर कई वर्षों से कब्जा किया हुआ है। याचिकाकर्ता की आरे से कहा गया कि डीएम की रिपोर्ट थी कि यह एक टयूरिस्ट प्लेस है और कावड़ के समय भगदड़ की संभावना है। कोर्ट ने डीएम की रिपोर्ट के आधार पर 22 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आदेश जारी कर रामझूला के पास नगर पंचायत जोंक जिला पौड़ी से अतिक्रमण हटाया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभी तक अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में डीएम पौड़ी गढ़वाल सहित 40 अतिक्रमणकारियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि अतिक्रमणकारियों की विशेष अपील सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है। वे लोग कब्जे वाले स्थान को भाारत साधु समाज की ओर से ली में देने का दावा कर रहे है लेकिन इस संबंध में उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सार्वजनिक परिसर में अतिक्रमण से संबंधित मामले जिनका पीपी एक्ट में निस्तारण हो गया है उन सभी अतिक्रमण को ध्वस्त करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए जाएंगे। ………………