‘‘दूल्हा भाई’’ के नाट्य मंचन में ठहाकों से गूंजा प्रेक्षागृह

-विनोद रस्तोगी के दो काव्य नाटकों का विमोचन-सुनिए द्रोणाचार्य एवं अपराजिता का विमोचन

प्रयागराज, 18 मई (हि.स.)। विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान रंगमंडल प्रयागराज द्वारा रविवार को जगत तारन गोल्डन जुबिली जॉर्जटाउन के रवींद्रालय प्रेक्षागृह में विशुद्ध हास्य नाटक “दूल्हा भाई“ का मंचन अजय मुखर्जी के निर्देशन में किया गया। हाल सवा घंटे तक दर्शकों के ठहाकों से गूंजता रहा।

मूल मराठी नाट्य आलेख पद्माकर डावरे का था तथा इसका हिन्दी रूपांतरण किया था गंगाधर परांजपेय ने। कलाकारों ने अपने स्वाभाविक अभिनय से दिखा दिया कि बिना किसी अति चेष्ठा के भी हास्य नाटक का सफल मंचन किया जा सकता है। कथानक स्वयं में ही हास्य उत्पन्न करता है। जब एक के बाद एक होने वाली घटनाएं एक ओर मंच पर उहापोह की स्थिति पैदा करती हैं, वहीं दर्शकों को गुदगुदाती हैं और ठहाके लगाने पर मजबूर कर देती हैं।

पति और पत्नी अपने-अपने जानने वालों को बेटी की शादी के लिए उसे देखने को बुलाते हैं और दोनों परिवार एक ही समय पर आ धमकते हैं। अब तरह-तरह के बहाने और गड़बड़ी को ढंकने-तोपने के कोशिशें स्वतः ही हास्य उत्पन्न करती हैं। दोनों लड़के भरपूर कोशिश करते हैं लड़की को रिझाने की। इस क्रम में वो एक से बढ़ कर एक मूर्खताएं करते जाते हैं। विभिन्न परिस्थितियों से गुजरते हुए नाटक एक सुखद अन्त की ओर बढ़ता है, जहां दूल्हा कोई और बनता है। नाटक में स्वप्न दृश्य अत्यंत प्रभावी रहे तथा नाटक ने दर्शक दीर्घा को खूब आनंदित किया।

दूल्हा भाई में मंच पर भाग लेने वाले कलाकार थे अभिलाष नारायण, निवेदिता दास गुप्ता, आशू, तुषार सौरभ, मधुरिमा बोस, प्रतीक सिंह, गजेन्द्र यादव, शुभम श्रीवास्तव एवं अनुज कुमार। लाइट सुजॉय घोषाल, संगीत शुभम वर्मा, दिव्यांश राज गुप्ता, प्रस्तुतकर्ता आलोक रस्तोगी एवं परिकल्पना व निर्देशन अजय मुख़र्जी का रहा।

सुनिए द्रोणाचार्य एवं अपराजिता का विमोचनउल्लेखनीय है कि, विनोद रस्तोगी अपने समय के जाने माने लेखक, नाटककार एवं ब्रॉडकास्टर रहे हैं। उनकी रचनाएं कई प्रदेशों के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैं तथा 45 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। रस्तोगी संस्थान के पुत्र आलोक रस्तोगी एवं शिष्य विजय पंडित के प्रयासों से उनके दो काव्य नाटकों “सुनिए द्रोणाचार्य एवं अपराजिता“ का प्रकाशन संभव हो पाया, जिसका विमोचन रविवार शाम रवींद्रालय प्रेक्षागृह में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी कल्पना सहाय द्वारा किया गया। कल्पना सहाय ने रस्तोगी को याद करते हुए उनकी चर्चित रचना बहू की विदा का जिक्र किया और उनकी रेडियो नाट्य श्रृंखला मुंशी इतवारी लाल को याद किया।

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