असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक युवक की मौत की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है।

युवक के परिवार ने उसकी आत्महत्या को पुलिस यातना का नतीजा बताया है। जोरहाट जिले के बिरिनासायेक गांव के निवासी दीपांकर गोगोई ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। बाद में परिवार ने आरोप लगाया कि उसने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि कुछ दिन पहले पुलिस ने उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया था।

एक्स पर सरमा ने लिखा, “असम सरकार 26/12/ 23 को तीताबार के गारीकुरी ब्रिनसायक गांव के श्री खगेन गोगोई के बेटे दीपांकर गोगोई की मौत की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की जांच करेगी। जांच 30 दिनों के भीतर समाप्त हो जाएगी।

प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) के साथ संबंध होने के संदेह में गोगोई को कई बार पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। पुलिस को संदेह है कि वह 14 दिसंबर को जोरहाट शहर के लिचुबारी इलाके में एक सेना शिविर के बाहर हुए मामूली विस्फोट में शामिल था।

परिजनों के मुताबिक युवक को पुलिस ने बेरहमी से प्रताड़ित किया। गोगोई का शव उनके घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया।

इससे पहले असम के डीजीपी जी.पी. सिंह ने भी कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी।

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