ज्ञानवापी परिसर से जुड़े मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है।हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे वाले वाराणसी जिला अदालत के फैसले को लागू कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे के खिलाफ अपील की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। अब अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी में सर्वे तुरंत शुरू होगा। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब मुस्लिम पक्ष अपनी अपील को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगा।
कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे। वजूखाना को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे होगा।
मले में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद भगवान एक है। आप किसी मंदिर या मस्जिद में उसे भगवान के रूप में देख सकते हैं। सर्वे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि मैं नहीं जानता कोर्ट जानता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा “जब अदालत ने फैसला दिया है तो हम उसका पालन करेंगे। सभी लोग इसे मानेंगे। सर्वे होगा। बस उस संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचे हम तो यही चाहते हैं।”
पिछले दिनों जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। ASI को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी थी। इसी आदेश के बाद ASI की टीम सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का रुख किया था। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को एएसआई सर्वे के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला 3 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया था। 21 जुलाई को वाराणसी कोर्ट ने एएसआई को सर्वे का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर खुदाई की जा सकती है। सर्वे वजूखाना और उसमें मिले शिवलिंग का नहीं होगा। इसपर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले रोक लगाई गई थी।
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ASI ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष उसी दिन सुप्रीम कोर्ट चला गया। कोर्ट ने सर्वे पर अस्थायी रोक लगाते हुए मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया था। मस्जिद समिति के वकील ने आशंका व्यक्त की थी कि सर्वे और खुदाई से संरचना को नुकसान होगा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि सर्वे से किसी भी तरह से संरचना में बदलाव नहीं होगा।
विष्णु जैन ने कहा, “आज हाईकोर्ट ने अंजुमन इस्लामिया की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कह दिया है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (Archaeological Survey of India) द्वारा सर्वे होना चाहिए। जिला कोर्ट का फैसला तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो चुका है। कोर्ट ने हमारी दलीलों को माना है। हमारे कहा है कि वैज्ञानिक तरीके से सर्वे होगा। ASI ने शपथपत्र दिया था। कोर्ट ने कहा कि ASI के शपथपत्र पर भरोसा नहीं करने का कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है कि सर्वे शुरू होना चाहिए। सच या झूठ जो भी है वह कोर्ट के सामने आना चाहिए।”
कोर्ट के फैसले के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बयान दिया है कि अदालत ने सर्वे को मंजूरी दी है। एएसआई ने अपना हलफनामा दे दिया है और अदालत का आदेश आ गया है। ऐसे में अब कोई सवाल नहीं बनता है। वकील ने बताया कि अदालत ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के आदेश को लागू करने का फैसला किया है। आज से सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट का फैसला लागू हो गया है। अब किसी भी समय सर्वे शुरू किया जा सकता है।

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