सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) को हटाए जाने के फैसले के दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सुनवाई करते हुए बताया कि 2 अगस्त से इस मामले पर सुनवाई शुरू करेंगे। अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में तीन साल बाद सुनवाई हो रही है। इससे पहले साल 2020 में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस केस की सुनवाई की थी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के एक दिन पहले सोमवार को इस मामले में नया हलफनामा दाया किया था। कोर्ट ने आज सुनवाई के साथ इस हलफनामे को खारिज कर दिया। बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को कानून लाकर जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाली धारा 370 को खत्म कर दिया था।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम इन याचिकाओं पर अगले महीने 2 अगस्त से सुबह 10:30 बजे से सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोजाना सुनवाई होगी। अगर इस मामले में और कोई भी बात जोड़नी हो तो उसे जुलाई के आखिरी हफ्ते तक पूरा कर लिया जाए।

केंद सरकार ने सोमवार को शीर्ष कोर्ट पेश किए हलफनामे में कहा गया है कि तीन दशकों की उथल-पुथल के बाद इस क्षेत्र में जीवन सामान्य हो गया है। बीते तीन साल में स्कूल, कॉलेज और अन्य सार्वजनिक संस्थान आराम से काम कर रहे हैं। इस अवधी के दौरान हड़ताल, पथराव और बंद की घटनाएं सामने नहीं आई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र के नए हलफनामे पर विचार नहीं किया जाएगा।

वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने बताया कि शाह फैसल और शेहला रशीद ने अपनी याचिकाओं को वापस ले लिया है। चीफ जस्टिस ने दोनों का नाम याचिकाकर्ताओं की लिस्ट से हटाने का निर्देश दिया है। लीड पेटिशन शाह फैसल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के नाम से थी, अब इसको बदल दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद रखते है कि सुनवाई जल्द से जल्द हो और चुनाव भी हो। वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीएफ प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। मुफ्ती ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय मिलेगा।

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