दिल्ली की हवा की गुणवत्ता इन दिनों गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है। दशहरे के बाद से ही राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। हाल ही में, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में GRAP-1 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया गया था। हालांकि, प्रदूषण के स्तर में निरंतर वृद्धि को देखते हुए, अधिकारियों ने GRAP-2 लागू करने की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया है।
वर्तमान AQI की स्थिति
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा एयर बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का AQI वर्तमान में 285 तक पहुंच गया है, जो कि खराब श्रेणी में आता है। इसके साथ ही, आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। फरीदाबाद में AQI 148, गाजियाबाद में 252, ग्रेटर नोएडा में 248, गुरुग्राम में 178, और नोएडा में 242 दर्ज किया गया।
दिल्ली के कई क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। जैसे:
– विवेक विहार: AQI 332
– शादीपुर: AQI 338
– पंजाबी बाग: AQI 321
– पटपड़गंज: AQI 352
– नरेला: AQI 315
– मुंडका: AQI 383
– जहांगीरपुरी: AQI 352
– द्वारका सेक्टर-8: AQI 316
– बुराड़ी क्रॉसिंग: AQI 336
– बवाना: AQI 314
– अशोक विहार: AQI 305
इन आंकड़ों को देखकर यह स्पष्ट है कि दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
GRAP-2 के तहत संभावित पाबंदियां
यदि GRAP-2 लागू होता है, तो इसके तहत कई महत्वपूर्ण पाबंदियां लागू की जाएंगी, जिनका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को कम करना होगा। यहाँ GRAP-2 के तहत लागू होने वाली पाबंदियों की पूरी जानकारी दी जा रही है:
1. प्राइवेट गाड़ियों का कम उपयोग: GRAP-2 के तहत प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी की जाएगी। यह कदम लोगों को सार्वजनिक परिवहन के विकल्पों की ओर प्रेरित करेगा।
2. सार्वजनिक परिवहन में सुधार: इस योजना के अंतर्गत सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ ही, मेट्रो की आवृत्ति को भी बढ़ाया जाएगा ताकि अधिक लोग इसका उपयोग कर सकें।
3. सुरक्षा गार्ड के लिए हीटर: रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस (RWA) अपने सुरक्षा गार्ड को हीटर प्रदान करेंगे। इससे गार्ड को कूड़ा, लकड़ी या कोयला जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जो कि प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।
4. डीजल जेनरेटर पर रोक: GRAP-2 लागू होने पर डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाएगी। इस दौरान केवल प्राकृतिक गैस, बायोगैस और LPG से चलने वाले जेनरेटर का उपयोग करने की अनुमति होगी।
5. विशेष जेनरेटर के नियम: 800 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर को केवल रेट्रोफिटिंग के दौरान ही चलाने की अनुमति होगी। यह कदम प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया जाएगा।
GRAP के विभिन्न चरण
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए GRAP के चार चरण निर्धारित किए गए हैं:
– GRAP-1: यह तब लागू होता है जब AQI 201 से 300 के बीच होता है। इस स्थिति में कुछ हल्की पाबंदियां लगाई जाती हैं।
– GRAP-2: जब AQI 301 से 400 के बीच पहुंच जाता है, तब GRAP-2 लागू किया जाता है। इसमें अधिक सख्त नियम होते हैं।
– GRAP-3: जब AQI 401 से 450 के बीच होता है, तब GRAP-3 लागू किया जाता है। इस दौरान प्रदूषण कम करने के लिए कठोर उपाय किए जाते हैं।
– GRAP-4: जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तब GRAP-4 लागू होता है, जिसमें सभी प्रकार के प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
दिल्ली की हवा को साफ और स्वस्थ बनाने के लिए नागरिकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी को चाहिए कि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें, कम से कम गाड़ियों का उपयोग करें और प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों से बचें। दिल्ली सरकार की यह पहल प्रदूषण को कम करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि सभी नागरिक एकजुट होकर इस दिशा में प्रयास करें, तो हम एक स्वस्थ और स्वच्छ दिल्ली की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए, आइए हम सब मिलकर इस प्रयास में योगदान दें और अपनी राजधानी को एक बेहतर स्थान बनाएं।