ग्रेटर नोएडा में लगातार चल रहे कंस्ट्रक्शन के कामों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। ग्रेटर नोएडा के देश के सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर पहुंच गया है। वहीं, नोएडा भी पांचवें स्थान पर है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए नोएडा अथॉरिटी की 10 और यूपीपीसीबी की 4 टीमें स्थिति पर नियंत्रण के लिए निगरानी कर रही हैं। अथॉरिटी की ओर से नियम तोड़ने वालों पर लगातार जुर्माना लगाया जा रहा है।
यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 292 रिकॉर्ड किया गया। नोएडा का एक्यूआई 250 रिकॉर्ड किया गया, जो देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। स्थिति पर नियंत्रण के लिए नोएडा अथॉरिटी की 10 और उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) की चार टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं, फिर भी सड़कों पर धूल के गुबार देखे जा रहे हैं साथ ही कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। यही कारण है कि स्थिति विकराल होती जा रही है।
नोएडा अथॉरिटी की टीम ने शनिवार को 70 जगह इंस्पेक्शन किया। छह कंस्ट्रक्शन साइट पर एंटी स्मॉग गन नहीं मिली और निर्माण कार्य किया जा रहा था। अथॉरिटी ने नोटिस देते हुए कुल 3.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
चार टीमें शहर में निरीक्षण कर रही हैं। टीम ने कार्रवाई करते हुए 8 जगहों पर छापेमारी की। बीते तीन दिनों में टीम ने कुल 35.40 लाख रुपये का जुर्माना किया। शनिवार को टीम ने 12.60 लाख रुपये, शुक्रवार को 16.80 लाख, गुरुवार को 8 लाख रुपये का जुर्माना किया गया।
जिलेवार आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं: ग्रेटर नोएडा- 292, नोएडा- 250, दिल्ली- 216,गाजियाबाद- 210,फरीदाबाद- 198, गुडगांव- 172