उत्तर प्रदेश में 78,000 एकड़ का बनाया जाये भूमि बैंक : मनोज कुमार सिंह

मुख्य सचिव ने राज्य की निवेश परियोजनाओं और जी.बी.सी. के लिए तैयार परियोजनाओं की समीक्षा की

पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा को नियमित रूप से करें अपडेट

लखनऊ, 13 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख निवेश परियोजनाओं की गहन समीक्षा की, जिसमें आगामी ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह (जी.बी.सी.) के लिए उनकी प्रगति और तत्परता का आकलन किया गया। लोक भवन में आयोजित बैठक में इन्वेस्ट यूपी, संबद्ध विभागों और डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने भौतिक और वर्चुअल रूप से एक साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के अनुरूप निवेश में तेजी लाने के लिए एक साथ आए, जिसमें आईआईडीडी का 5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य भी शामिल है।

विभागों के लिए विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत कम से कम 10 एंकर इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया और संबंधित स्टेकहोल्डर्स को जी.बी.सी. में पात्र परियोजनाओं को शामिल करने में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए, मुख्य सचिव ने पूरे राज्य में 78,000 एकड़ भूमि बैंक बनाने के भी निर्देश दिये। इसके लिए प्रमुख रणनीतियों में आईडीए की भूमि (आवंटन के लिए तैयार और अधिग्रहण के अधीन) का उपयोग करना, बीमार इकाइयों से भूमि का उपयोग करना, कम उपयोग वाली विभागीय भूमि का अधिग्रहण करने के साथ-साथ जिलाधिकारियों और प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को लक्ष्य आवंटित करना शामिल किया जाये।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे इन्वेस्ट यूपी और आरएसएसी-यूपी के समन्वय में पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा को नियमित रूप से अपडेट करें। यह भी कहा कि निर्बाध परियोजना नियोजन और निष्पादन में गैप एनालिसिस के लिए विभागों द्वारा पोर्टल का सक्रिय रूप से उपयोग किया जाये।

इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद ने बैठक में भाग लिया, जिसमें 200 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाओं की समीक्षा शामिल थी। उन्होंने मौजूदा और संभावित निवेशकों दोनों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) के महत्व को दोहराया और इनवेस्टमेंट इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए 34 ऑपरेशनल पॉलिसीज और इंसेन्टिव के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया।

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