हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके लेकर लोगों ने काफी गंभीर सवाल उठाए थे। आजकल साइबर ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों को ऐसे ही निशाना बना रहे हैं।
एआई के गलत इस्तेमाल से लोगों को मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। हाल ही में डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से केरल के एक शख्स के साथ ठगी की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। स्कैमर्स ने इस शख्स के साथ 40 हजार की ठगी को अंजाम दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोल इंडिया में काम कर चुके राधाकृष्णन को व्हाट्सऐप पर उनके पुराने साथी रहे वेणु बनकर स्कैमर ने मैसेज किया।, वेणु कुमार राधाकृष्णन के एक पुराने मित्र थे जो पहले कोल इंडिया में काम करते थे। राधाकृष्णन को शक ना हो इसके लिए स्कैमर ने उन्हें वेणु कुमार की फोटो और फैमिली फोटो भी भेजीं।
जिसे स्कैमर ने कहीं से चुराया था। तस्वीरें देखकर राधाकृष्णन को पुरानी साथी के होने का काफी हदतक यकीन हो गया। इसके बाद स्कैमर ने पैसों की ठगी के लिए एक और गहरी साजिश रची। उन्हें वेणु बनकर राधाकृष्णन को वीडियो कॉल किया।
स्कैमर ने डीपफेक की मदद लेकर वीडियो कॉल में राधाकृष्णन को स्कैमर वेणु कुमार की तरह दिखा। उन्हें अपने दोस्त के होने का पूरा यकीन हो गया। स्कैमर ने वेणु बनकर अपनी बहन की बीमारी का नाटक किया और राधाकृष्णन को अपनी बातों में फंसाकर 40,000 रुपये उधार मांग लिए। दोस्त को मुसीबत में देख उन्होंने पैसे दे दिए।
राधाकृष्णन को शक तब हुआ जब स्कैमर ने उनसे 35,000 रुपये फिर से ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस पर राधाकृष्णन ने अपने दोस्त वेणु कुमार को उसके पुराने नंबर पर फोन किया। वहां से जो सच्चाई पता चली तो राधाकृष्णन के पैरों तले जमीन खिसक गई। वेणु ने उन्हें बताया कि, उसने कोई कॉल या एसएमएस नहीं किया है। इसके बाद राधाकृष्णन ने इस स्कैम की शिकायत पुलिस में की।
करीब 4 महीने चली जांच के बाद केरल पुलिस ने कथित अपराधियों में से एक शेख मुर्तुज़ामिया हयात को गुजरात के मेहसाणा से गिरफ्तार कर लिया है। इस स्कैम का मास्टरमाइंड कौशल शाह अभी भी फरार है। जो अहमदाबाद का रहने वाला है। जांच में पुलिस का पता चला कि, कौशल शाह ने डीपफेक की मदद लेकर राधाकृष्णन को अपने जाल में फंसाया और फिर पैसे को एक गैंम्बलिंग फर्म में डाल दिया ताकि पुलिस को लगे कि उसने ये पैसे यहां से कमाएं हैं।
ये एक तरह का सिंथेटिक मीडिया है। जिसमें AI टूल्स की मदद लेकर किसी की फोटो और वीडियो पर किसी दूसरे की तस्वीर या वीडियो को एडिट करके लगा दिया जाता है। जिससे पहली नजर में वह व्यक्ति हूबहू उसी व्यक्ति तरह दिखता है। डीपफेक वीडियो को पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, असंभव नहीं है।