अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम के झांसी में मारे जाने के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि आगे भी माफिया के सफाये के लिए काम होता रहेगा। उन्होंने अतीक अहमद के बेटे असद के साथ हुए एनकाउंट की सिलसिलेवार जानकारी भी दी। एडीजी ने बताया कि अतीक को साबरमती जेल से लाने के दौरान हमला कर छुड़ाने की कोशिश होने वाली थी। उसे छुड़ाने के लिए ही झांसी में बदमाश ठहरे हुए थे। इंटेलिजेंस की सटीक रिपोर्ट के बाद बदमाशों की घेरेबंदी हुई और अतीक के बेटे असद के साथ गुलाम मारा गया।
एडीजी ने बताया कि 24 फरवरी को प्रयागराज में राजू पाल ह्तयाकांड में गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इसमें उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो जवान भी मारे गए थे। उस समय से ही यूपी पुलिस ने विशेष टीमों का गठन किया था। इसमें पांच लोगों की पहचान हुई थी। इसके बाद इन पर पांच-पांच लाख के इनाम घोषित हुआ था।
इनमें अरबाज, अरमान, असद, गुड्डू और साबिर शामिल थे। लगातार एसटीएफ और सिविल पुलिस की टीमें इमानियों को पकड़ने में लगी थीं। वारंट बी लेकर साबरमती से अतीक और बरेली से अरशद को भी लाया गया था। इंटेलिजेंस के इनपुट से पता चला कि रास्ते में अपराधियों को छुड़ाया जा सकता है। इसे देखते हुए विशेष टीमें इनकी सुरक्षा में लगाई गई थीं।
इसी दौरान पुलिस को पता चला कि झांसी इलाके में बदमाशों ने ठिकाना बनाया हुआ है। एसटीएफ की टीमों और पुलिस ने यहां पर घेरेबंदी की। आज दिन में साढ़े 12 से एक बजे के बीच सूचना के बाद कुछ लोगों को घेरा गया तो दोनों ओर से गोलियां चलीं। इस एनकाउंटर में हमारी एसटीएफ की टीम की गोली से दो बदमाश घायल हो गए। बाद में दोनों की मौत हो गई। दोनों की पहचान असद और गुलाम के रूप में हुई। दोनों को लोगों ने उमेश पाल हत्याकांड में गोलियां चलाते लोगों ने देखा था।
बताया कि पूरे आपरेशन को एसटीएफ ने किया है। मारे गए बदमाशों के पास से अथ्याधुनिक विदेशी असलहे बरामद हुए हैं। इसमें बुलडॉग रिवाल्वर भी शामिल है। हमारी टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी विमल कुमार कर रहे थे। आगे भी माफिया के सफाये में हमारी टीम लगी रहेगी।