फेमस एक्टर और डायरेक्टर कमल हासन ने हाल ही में अपने जीवन के संघर्षों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया जब उनकी माँ को लगा कि वे कुछ नहीं कर रहे हैं और इसलिए उन्होंने नाई का काम करना शुरू किया। कमल ने बताया कि माँ को उनकी किताबें पढ़ने और सिनेमा देखने की आदतें निरर्थक लगती थीं, जिसके चलते वे एक चिढ़ाने वाले जवाब के तौर पर नाई बनने का हुनर सीखने लगे। हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया से बातचीत में कमल हासन ने कहा, “मेरे एक गुरु, जो नाई थे, ने मुझसे कहा था कि मुझे श्री बालचंदर जी के साथ काम करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने मुझे बाल काटने का कौशल सिखाया और मैंने एक सैलून में काम शुरू किया, ताकि अपनी माँ को चिढ़ा सकूं।”
कमल हासन ने अपनी गहरी सोच को साझा करते हुए कहा कि उस दौर में उन्हें लगा कि उनकी माँ के मन में जो धारणा थी, उसे बदलने के लिए उन्हें कुछ अनोखा करना होगा। उन्होंने नाई बनने का फैसला किया जिससे परिवार को यह एहसास हो सके कि वे केवल पढ़ाई करने में या सिनेमा देखने में समय बर्बाद नहीं कर रहे हैं। कमल के इस अनोखे संघर्ष की कहानी का जिक्र मशहूर निर्देशक के. बालाचंदर ने भी सुना और इसे अपनी फिल्म ‘जरा सी जिंदगी’ में शामिल किया। फिल्म में, एक सीन में एक पिता दाढ़ी बनवाने के लिए आता है और उसे उसके पढ़े-लिखे बेटे का सामना होता है। यह दृश्य इस बात का प्रतीक है कि ज्ञान और खुद को साबित करने की ताकत क्या होती है।
कमल ने कुछ समय पहले अपनी फिल्म निर्देशन की चाहत के बारे में भी बताया, जब वह 19 वर्ष के थे। उन्होंने बालाचंदर जी से कहा कि वे एक निर्देशक बनना चाहते हैं, लेकिन बालाचंदर जी ने उन्हें इस रास्ते को छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “अगर तुम डायरेक्टर बने तो तुम्हारी जिंदगी ऑटो रिक्शा में घूमते हुए ही बितेगी।” बालाचंदर ने कमल की प्रतिभा को पहचाना और कहा कि वे एक सफल फिल्म स्टार बन सकते हैं। कमल हासन ने कहा, “अगर मैंने उनकी सलाह को नजरअंदाज किया होता, तो आज मैं शायद एक अनजान सा व्यक्ति होता।”
कमल ने यह भी व्यक्त किया कि कई ऐसे मित्र, जो उनसे अधिक प्रतिभाशाली थे, कठिन परिस्थितियों में अपनी जान गंवा बैठे। “वे सड़कों पर मर गए,” कमल ने कहा और अपने उन दोस्तों को याद करते हुए अपनी भावनाएँ व्यक्त की। उन्होंने बालाचंदर जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि उन्होंने सही दिशा में सलाह नहीं दी होती, तो वे भी उसी दुखद अंतिम स्थिति का सामना कर सकते थे।
कमल हासन की यह कहानी अपने आप में एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि कभी-कभी जीवन में सही सलाह लेने से और संघर्षों का सामना करने से बेहतर सफलता की ओर अग्रसर किया जा सकता है। उनके इस अनुभव ने न केवल उन्हें मजबूत बनाया, बल्कि उनकी माँ के मन में उनके प्रति प्यार और गर्व भी पैदा किया।