दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे तीनों दल बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आगामी दिल्ली चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के मुख्यमंत्रियों के प्रचार का आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा और उनकी पार्टी चुनाव में विजयी होगी।” सभी मुख्यमंत्री (भाजपा के), केंद्रीय मंत्री और खुद पीएम मोदी आए हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल ही जीतेंगे। हमें 60 से अधिक सीटें मिलेंगी और आप सरकार बनाएगी।

संजय सिंह ने रविवार को चार जनसभाएं कर जनता से समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने के लिए बिल्कुल तैयार है। पूरी दिल्ली में मिलकर एक ही नारा दिया है कि न बंटेंगे-न कटेंगे, सब मिलकर बीजेपी को भगाएंगे। साथ ही वह कहते हैं, बीजेपी कह रही है कि जो काम केजरीवाल कर रहे हैं, वही हम भी करेंगे। जब ओरिजनल अरविंद केजरीवाल मौजूद है तो दिल्ली के लोग डुप्लीकेट क्यों चुनेंगे।
पार्टी के सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आप ने युवा स्वयंसेवकों की एक समर्पित टीम के गठन की घोषणा की है, जो चुनाव के दिन हर मतदान केंद्र पर ईवीएम प्रदर्शन की निगरानी करेंगे और सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगे। “हमें चुनाव जीतने का भरोसा है, लेकिन एक डर यह भी है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। इसीलिए आम आदमी पार्टी ने ऐसे युवाओं की एक टीम तैयार की है, जो चुनाव के दिन सुबह ईवीएम डेमो के दौरान हर बूथ पर मौजूद रहेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी न हो।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले निर्दलीय सांसद और कांग्रेस समर्थक पप्पू यादव भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी और भाजपा का पूर्वांचल से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा के पास चार मुख्य मुद्दे हैं – पहला, हिंदू-मुस्लिम, दूसरा, अडानी का पैसा, तीसरा, चुनाव आयोग और चौथा, ईडी और सीबीआई। उन्हें देश की परवाह नहीं है।”
पप्पू यादव भाजपा के साथ-साथ केजरीवाल पर भी निशाना साधते दिखे वह कहते हैं, “बड़े मियाँ तो हैं ही छोटे मियाँ सुभानअल्लाह। मैंने अपने जीवन में नरेंद्र मोदी को झूठ बोलते देखा है, लेकिन केजरीवाल उनसे आगे निकल गए हैं। उन्होंने कहा था कि वह वीआईपी नहीं बनेंगे, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े वीआईपी बन गए। पेरिस की सड़कें, यमुना, मोहल्ला क्लीनिक – इनमें से कोई भी मायने नहीं रखता। अगर किसी ने सबसे कम समय में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार किया है, तो वह वही हैं। भाजपा भ्रष्ट है, लेकिन आप से ज्यादा भ्रष्ट कोई नहीं है।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इसके विपरीत, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP ने दबदबा बनाया और कुल 70 सीटों में से 67 और 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को इन चुनावों में केवल तीन और आठ सीटें मिलीं।

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