पंजाब से आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने 2001 के आतंकी हमले की बरसी पर संसद में बड़े सुरक्षा उल्लंघन की जांच की मांग की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा करानी चाहिए। चड्ढा ने यह भी सवाल उठाया कि व्यक्तियों ने बहुस्तरीय सुरक्षा जांच कैसे पास की? किसने उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी और 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल ठीक से क्यों नहीं बनाए रखा गया?

2001 के आतंकी हमले की बरसी पर संसद में बड़ी सुरक्षा चूक पर चिंता जताते हुए आप नेता ने कहा कि संसद भवन हमारे देश की सबसे सुरक्षित इमारत मानी जाती है। लेकिन अगर संसद भवन सुरक्षित नहीं है तो देश के बाकी हिस्सों का क्या होगा? उन्होंने मांग की कि इस घटना की जांच की जाए और जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए।

मीडिया से बात करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि आज सभी गैर-बीजेपी सांसदों की एक जायज मांग है कि चूंकि सरकार संसद की सुरक्षा के लिए जवाबदेह है, इसलिए सरकार को जनता के सवालों का जवाब देने और संसद सदस्यों का विश्वास जीतने के लिए संसद में सुरक्षा उल्लंघन के बारे में चर्चा करनी चाहिए।

सरकार के ‘उल्लंघन पर राजनीति’ के आरोपों का खंडन करते हुए चड्ढा ने कहा कि सरकार को जवाबदेह ठहराना पक्षपातपूर्ण राजनीति नहीं है। इस मामले पर सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। उन्होंने पूछा कि अगर संसद सुरक्षित नहीं है, तो क्या देश सुरक्षित माना जा सकता है?

उन्होंने पूछा कि यह भारत में सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली इमारत में सुरक्षा उल्लंघन का मामला है। अगर हम सरकार से जवाब नहीं मांगेंगे, तो किससे जवाब मांगेंगे? उन्होंने उस तरीके पर भी गहरी चिंता व्यक्त की जिस तरह से घुसपैठिए धुएं के डिब्बे के साथ घुसने में सक्षम थे और सवाल उठाया कि सख्त सुरक्षा उपायों के बावजूद वे ऐसा करने में कैसे कामयाब हुए?

राघव चड्ढा ने ये भी सवाल किया कि जहां कलम ले जाने तक की अनुमति नहीं है, वहां एक बीजेपी सांसद के मेहमान धुआं उड़ाने वाली कैन कैसे ले गए?

उन्होंने ये भी कहा कि इस बार धुएं के डिब्बे थे, अगली बार हथियार और बम हो सकते हैं। भाजपा सरकार का अपनी जवाबदेही से भागना कई सवाल खड़े करता है।

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