नगर निकायों के साथ मिलकर काम करे विभागीय अधिकारी: एनरवि शंकर

पौड़ी गढ़वाल, 16 मई (हि.स.)। छठवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एनरवि शंकर की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रतिनिधियों ने निकाय प्रबंधन की समस्या व नये कार्यों के लिए बजट आवंटन बढ़ाए जाने की बात रखी।

छठवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि नगर के विकास के लिए अधिकारी नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विकास के कार्यों को आगे बढ़ाएं। कहा कि आगे जो नए कार्य होने हैं इसके लिए अभी से तैयारी करें। साथ ही उन्होंने नगर निकायों में कूड़ा प्रबंधन, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता सहित अन्य के लिए ठोस कदम उठाए जाने को कहा। अध्यक्ष ने नगर आयुक्त श्रीनगर को निर्देश दिये कि शहर की बिजली, पानी की समस्या को दूर करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि नई नगर पंचायतें भविष्य को देखते हुए विकास का खाका तैयार करें। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन अधिकारी को जनपद में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिये।

बैठक में नगर निगम कोटद्वार के मेयर शैलेंद्र रावत ने बताया कि कोटद्वार में मल्टीस्टोरी पार्किंग, कार्यालय भवन, पार्क सहित अन्य कार्यों के लिए बजट की आवश्यकता है। कहा कि यदि इन कार्यों के लिए बजट आवंटन होता है तो जल्द ही विकास कार्यों को धरातल पर उतरा जाएगा। इस पर वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इन कार्यों के लिए निगम के नाम पर भूमि है तो सुझावों पर कार्यवाही की जा सकती है। इसके अलावा नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी हिमानी नेगी ने शहर ने पानी की समस्या को रखा। अध्यक्ष ने जल संस्थान से शहर में जलापूर्ति की जानकारी तलब की। वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ने बताया कि शहर में श्रीनगर व नानघाट से 5.50 एमएलडी पानी मिल रहा है। साथ ही शहर में पानी की समस्या के समाधान के लिए अमृत–2 योजना में कार्य चल रहा है।

इस पर आयोग के सदस्यों ने पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के लिये जल संस्थान व जल निगम को पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिये। छठवें वित्त आयोग के सदस्य पीएस जंगपांगी ने जनतांत्रिक प्रणाली की महत्ता बताते हुए कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों का दायित्व है कि संबंधित क्षेत्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों से तालमेल बनाकर चलें। साथ ही सुझाव दिया कि नियोजन प्रक्रिया इस तरह हो कि नगर निकाय आगामी भविष्य के तौर पर विकसित करने के लिये 25-30 साल की योजना बनाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम स्थल को भव्य रूप में विकसित करें, जिससे उस क्षेत्र में पर्यटकों की आवागमन बढ़े। बैठक में जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर आदि शामिल रहे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights